कुबेरेश्‍वर धाम में उमड़े श्रद्धालु, एक दिन पहले ही रुद्राक्ष वितरण शुरू

सीहोर ।   16 से 22 फरवरी तक कुबेरेश्वर धाम में शिव महापुराण व रुद्राक्ष विरतण का आयोजन रखा गया है, लेकिन दो दिन पहले ही दो लाख लोगों के लिए बनाए पंडाल में श्रद्धालुओं ने डेरा डाल लिया। हालत यह रही कि करीब तीन लाख श्रद्धालु एक दिन पहले ही पहुंच गए और परिसर में जल चढ़ाने के लिए एक किमी व रुद्राक्ष वितरण काउंटर के सामने दो किमी लंबी तक श्रद्धालु की कतार लग गई। इसके बाद बुधवार को दोपहर 12 बजे के बाद रुद्राक्ष वितरण शुरू करा दिया गया। हालांकि सात दिन तक रात-दिन 24 घंटे रुद्राक्ष वितरण होगा। जानकारी के अनुसार एक साल पहले पांच ट्रक में भरकर 30 लाख से अधिक रुद्राक्ष नेपाल से बुलाए गए थे, जिन्हें पिछले साल हुए रुद्राक्ष महोत्सव में वितरित किया जाना था, लेकिन आयोजन में अधिक श्रद्धालु पहुंचने से रुद्राक्ष वितरण रोक दिया गया था, उसके बाद आनलाइन बुकिंग करने पर घर भेजने की बात कही थी, लेकिन वह संभव नहीं हो पाया। इसके बाद कुछ काउंटर लगाकर आधार कार्ड पर वितरण शुरू किया था, लेकिन फिर इसे भी बंद कर दिया गया और बाद में सिर्फ मरीज के पर्चे पर रुद्राक्ष दिए जा रहे थे। हालांकि कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं से कहा था कि 16 से 22 फरवरी तक रुद्राक्ष महोत्सव में इनका वितरण किया जाएगा। लेकिन दो दिन पहले ही मंगलवार को यहां बनाए गए तीन बड़े डोम सहित होटल, लाज व ग्रामीण क्षेत्र में जहां जिसको जगह मिली, वहां श्रद्धालुओं ने डेरा डाल लिया। वहीं बुधवार को एक दिन पूर्व ही यहां रुद्राक्ष वितरण के लिए बनाए गए दस काउंटर पर सुबह से कतारें लग गई, जिससे समिति ने निर्णय लेते हुए एक दिन पहले ही रुद्राक्ष वितरण शुरू करा दिया है। सात दिनों में 15 लाख से अधिक रुद्राक्ष वितरण की बात कही जा रही है, जो 24 घंटे दस काउंटर से वितरण किए जाएंगे। वहीं बड़ी संख्या में लोग कतारों में लगना जारी है।

जल चढ़ाने के लिए भी लगी कतार

कुबेरेश्वर धाम में बनाए गए स्थल की पूजा के लिए सुबह से ही एक-एक किमी लंबी कतार श्रद्धालु की लगी हुई है। यहां महिलाएं हाथो में जल व विल्बपत्र लेकर घंटो अपने नंबर का इंतजार करते हुए नजर आ रही है। हालात यह है कि जिसको जहां जगह मिल रही है, वह वहीं श्रीफल व पूजन सामग्री चढ़ाकर पूजा-अर्चना कर रहा है।

नेपाल स्थित गंडकी नदी के तट के हैं रुद्राक्ष

कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का कहना है कि हिन्दू धर्म का पालन करने वालों में रुद्राक्ष का विशेष महत्व होता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव से जोड़ कर देखा जाता है, जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष पहनता है, उसके खराब ग्रह सुधर जाते हैं और शुभ फल देने लगते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से दिल संबंधित बीमारियां, तनाव, चिंता, ब्लड प्रेशर आदि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि नेपाल स्थित गंडकी नदी के तट पर होते हैं, जिसका पानी औषधीय माना जाता है, जो इसमें शामिल रहता है। वहीं धाम से मिलने वाले इन अभिमंत्रित रुद्राक्ष से लोगों की समस्याओं और बीमारियों का समाधान हो रहा है।

मार्ग डायवर्ट होने से नहीं आ रही समस्या

पिछले साल बिगड़े हालात को देखते हुए इस बार जहां 70 एकड़ जगह में पार्किंग बनाई गई है, वहीं एक हजार से अधिक पुलिस बल जगह-जगह तैनात है, जो लोगों को रास्ते बताने के साथ ही नियमों का पालन करा रहे हैं। वाहनों की व्यवस्थित पार्किंग होने व पैदल मार्ग व निकासी मार्ग होने से श्रद्धालुओं को एक दिन पहले कोई समस्या नजर नहीं आ रही है। लेकिन अधिकतर श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंच रहे हैं, पर वापस कम ही आ रहे है। ऐसे में अधिक भीड़ बढ़ने से थोड़ी पेरशानी बढ़ सकती है। खास बात यह है कि वाहनों का परिसर में प्रवेश नहीं होने से हालात नियंत्रण में नजर आ रहे हैं।

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