ओंकारेश्वर । खंडवा जिले के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचने के लिए नर्मदा नदी पर बने पैदल झूला पुल का एक तार सुबह टूटने से हड़कंप मच गया। इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है, फिलहाल जिला प्रशासन ने नए पुल से श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी है। एनएसडीसी और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा पुल की जांच की जा रही है। ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए नया झूला पुल 18 साल पूर्व बनाया गया था। कुछ समय पहले गुजरात के मोरवी में झूला पुल गिरने पर ओंकारेश्वर के झूला पुल की भी जांच की गई थी। तब इसे यह पूरी तरह सुरक्षित बताया गया था। अधिकारियों की लापरवाही के चलते और लगातार ध्यान ना रखने के कारण झूला पुल का एक तार टूट कर जमीन पर आ गिरा है। जानकारों का कहना है कि एक तार टूटने से पुल की गिरने जैसी कोई संभावना नहीं है, तथापि तार का टूट कर गिरना जिम्मेदारों की लापरवाही को तो प्रदर्शित करता ही है। तीर्थ नगरी में लगातार और वो के चलते भीड़ उमड़ी इसे देखते हुए नए पुल से आवाजाही थमने से ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शनार्थियों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। विदित हो कि महाशिवरात्रि 18 तारीख की है। दूसरे दिन रविवार और सोमवार को सोमवती अमावस्या भी आ रही है। इस प्रकार तीन दिन में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। एनएसडीसी के महाप्रबंधक प्रसन्न कुमार दीक्षित ने बताया कि समय-समय पर प्रशासन को झूला पुल की भार क्षमता के अनुसार ही भीड़ के समय प्रवेश का पत्र लिखा गया है, पर्वों के दौरान अत्यधिक भीड़ का दबाव झूला पुल पर हो जाता है। प्रशासन को सूचित कर भार क्षमता के अनुकूल ही भीड़ को झूला पुल से निकलने की अनुमति दी जाना उचित होगा। झूला पुल का जो तार टूटा है उसकी रिपेयरिंग उपरांत ही आवा जावी झूला पुल से संभव होगी। पुल की मरम्मत और तार को जोड़ने के उपरांत ही भार क्षमता के अनुसार पुल पर से आवा हो सकेगीl जब तक के लिए झूला पुल आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा।
पुल से आवाजाही रोकने से बढ़ेगी परेशानी
झूला पुल का उपयोग फिलहाल सुरक्षित नहीं होने से प्रशासन के लिए भीड़ नियंत्रण चुनोती साबित होगा। झूला पुल पर लगे हुए मधुमक्खी के छत्ते भी किसी दिन किसी भयानक दुर्घटना का कारण बन सकते हैं जिम्मेदारों द्वारा लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या के मद्देनजर झूला पुल में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। समाजसेवी प्रदीप ठाकुर और भाजपा नेता प्रभाकर केरालकर ने जिम्मेदारों का ध्यान आकर्षित करते हुए पुराना जेपी चौक से आने वाला पुल व झूला पुल के भार क्षमता के अनुसार ही यात्रियों को प्रवेश देने की मांग की है । झूला पुल और जेपी चौक के पास बने हुए पुराने पुल की आवश्यकता अनुसार मरम्मत की मांग जिम्मेदारों से की है। कलेक्टर अनूप सिंह का कहना है कि टेक्निकल टेस्टिंग के बाद ही झूला पुल पर से दर्शनार्थियों की आवाजाही प्रारंभ की जाएंगी। परिस्थितियों को देखते हुए आवश्यकता पड़ने पर महाशिवरात्रि पर दर्शनार्थियों से आनलाइन दर्शन की अपील की जा सकती है।
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