भूत-प्रेतों की चर्चा पुराणों में मिलती है, 80 प्रतिशत लोग भूतों के नाम पर नौटंकी कर रहे हैं : पंडोखर सरकार

भोपाल ।  प्रदेश के दतिया जिले की भांडेर तहसील में आने वाले पंडोखर सरकार धाम के प्रमुख संत गुरुशरण महाराज(पंडोखर सरकार)सोमवार से भोपाल के कलियासोत मैदान पर चल रही श्रीराम कथा में दो दिन दरबार लगाएंगे और लोगों को पड़ने वाली भूत-प्रेतों की बाधाओं दूर करेंगे। वो देर रात भोपाल पहुंचे।

सनातन धर्म भूत-प्रेत की बातें कहां से आईं?

कहा भूत-प्रेत होते हैं। सातों पुराणों में अद्श्य लोगों की दूसरी दुनिया होती है, लेकिन 100 में 80 प्रतिशत लोग दरबार में आकर नौटंकी करते हैं। 10 प्रतिशत लोग बीमारियों से भी पीड़ित होते हैं। 10 प्रतिशत ऐसे लोग होते हैं, जिन पर भूत-प्रेत की बधाएं सच में होती हैं। मंत्रों के जरिए बाधाओं को दूर करता हूं।

भूत-प्रेत भगाने का वर्तमान माहौल में चलन क्यों बढ़ रहा है?

ऐसा नहीं है। यह सब सदियों से चलता आ रहा है। इंटरनेट मीडिया पर प्रचार-प्रसार अधिक होने से ऐसा लग रहा है। मैं 32 वर्षों से दरबार लगा रहा हूं, लेकिन भूत-प्रेत का छाया होने का ढोंग करने वालों का पर्दाफाश कर देता हूं। भोपाल में दो दिन दरबार लगाऊंगा। आप आकर जरूर देखें।

आपको कथा स्थल पर दरबार लगाने की जरूरत क्यों पड़ी?

भक्तों के अनुरोध पर आ रहा हूं। इंटरनेट मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि बागेश्वर धाम सरकार से आपकी की प्रतिस्पर्धा है, इसलिए आप भी कथाओं में दरबार लगाने लगे हैं। स्पष्ट कर दूं कि ऐसा कुछ नहीं है। वो अपना काम कर रहे हैं और मैं अपना। वो मुझे बड़ा भाई कहते हैं। उनसे कभी कोई विवाद नहीं हुआ।

दरबार में आना निश्शुल्क रहता है या कोई शुल्क लगता है?

दरबार में प्रवेश का कोई शुल्क नहीं रहता हैं, लेकिन मंत्रों के जरिए लोगों की भूत-प्रेत जैसी बधाएं दूर हो जाती हैं तो वो स्वेच्छा से दान करते हैं। हम लोगों से दान के लिए अपील भी करते हैं, ताकि दान में मिलने वाली राशि भलाई के कार्यों में लगाई जाए। इसका लाभ जरूरतमंदों को मिल सके।

क्या संत आर्थिक लाभ के लिए कथा सुनाते हैं व दरबार लगाते हैं?

देश-प्रदेश में कई संत हैं, जो श्रीमद् भागवत, श्रीराम कथा, शिव महापुराण सहित अन्य कथाएं सुनाते हैं। कुछ साधु-संत दिशा से भटक जाते हैं, उनके कारण सभी बदनाम हो जाते हैं। सच्चे साधु-संतों का एक ही उद्देश्य है कि सनातन धर्म बढ़े, देश में रामराज की स्थापना हो। कथाओं के जरिए सनातन धर्म से लोगों को जोड़ रहे हैं। दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं का निदान करते हैं।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.