भोपाल । नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा मैदानी आकलन के आधार पर आगे जमावट करेगी। इसके तहत विकास यात्राओं का भी फीडबैक लेना शुरू कर दिया गया है। इससे विधानसभा सीटों पर विधायकों, हारे नेताओं और मौजूदा मंत्रियों तक के फीडबैक को देखा जाएगा। भविष्य में इन्हीं फीडबैक के आधार पर निर्णय होंग। दरअसल, भाजपा सभी 230 सीटों पर विकास यात्राओं के जरिए फीडबैक भी लेगी, जिससे आने वाले दिनों में संगठनात्मक कामों को लेकर जिम्मेदारियां देने में निर्णय किए जाएंगे। इसका दूरगामी असर टिकटों तक भी दिखेगा।
भाजपा ने 230 सीटों पर अपने सभी कार्यकर्ताटों को लगा दिया है। इसके तहत बूथ स्तर तक की भी रिपोर्ट बनेगी। इसमें विधायक व अन्य स्थानीय नेताओं को लेकर क्या स्थिति बनी इस पर निगाहें हैं। 25 फरवरी के बाद भाजपा का बूथ सशक्तिकरण अभियान चलना है। इसलिए उसके पूर्व ही इनकी रिपोर्ट भी तैयारी होगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने प्रवास व दौरे भी इन यात्राओं के बाद शुरू करेंगे।
हर सीट पर भाजपा ने प्रभारी तैनात किए हैं। खास तौर पर हारी हुई 103 सीटों को लेकर सबसे ज्यादा गंभीरता है। भाजपा इन सभी सीटों की जरूरत व स्थानीय नेताओं के समन्वय के हिसाब से आगे टीम तैयार करेगी। गौरतलब है कि अब तक दो सर्वे टिकटों को लेकर हो चुके हैं। अब आगे तीसरा सर्वे भी होना है, लेकिन उसके पूर्व ही यात्राओं का फीडबैक भी रहेगा।
पिछली बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद इस बार दावेदारी करने वाले नेताओं पर इस फीडबैक का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। खास बात ये कि जो बड़े चेहरे चुनाव हारे थे, उनमें से तो कुछ को स्थानीय प्रभाव के कारण टिकट मिल सकता है, लेकिन जो जद्दोजहद वाले चेहरे हैं उनके लिए फीडबैक मायने रखेगा। अभी संगठन के पास कई सीटों पर समन्वय में दिक्कत की शिकायतें हैं। इनसे जुड़े फैसलों पर भी फीडबैक असर डालेगा।
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