देहरादून| उत्तराखंड सरकार ने बच्चों के कंधों से भारी-भरकम बैग का बोझ कम करने का फैसला किया है। आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 में पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के स्कूल बैग में सिर्फ गणित और भाषा की किताबें होंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के तहत 3 से 8 साल की उम्र तक के विद्यार्थियों का मूल्यांकन पारंपरिक परीक्षा के माध्यम से नहीं होगा।यही नहीं दूसरी कक्षा तक के छात्रों को अब मातृभाषा में पढ़ने का मौका भी मिलेगा।
अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और परीक्षण परिषद के विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पहली और दूसरी कक्षा के पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। शिक्षा मंत्रालय जल्द पाठ्यक्रम जारी करेगा, इसके तहत रट्टा लगाने के बजाय दूसरी तक के बच्चों का मूल्यांकन खेलकूद, वीडियो, म्यूजिक, कहानी बोलने, लिखने, व्यवहारिक ज्ञान पर आधारित होगा।
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