मंजिल की और बढ़ रहा ISRO का मिशन मून, चंद्रयान-2 ने चौथी बार बदली कक्षा

चंद्रयान-2 के सफल परीक्षण के बाद अब ISRO लगातार सफलता हासिल करती नजर आ रही है। पृथ्वी से चंद्रमा की ओर रवाना हुआ इसरो का मून मिशन चंद्रयान-2 लगातार अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोट के सतीश धवन केंद्र से किया गया था। इसरो ने शुक्रवार को 3 बजकर 27 मिनट पर चंद्रयान-2 की कक्षा में चौथी बार सफलतापूर्वक बदलाव किया है। चंद्रयान-2 की पेरिजी 277 किमी और एपोजी 89,472 किमी कर दी गई है। अब 6 अगस्त को अगली बार इसकी कक्षा बदली जाएगी।
बता दें कि चंद्रयान-2, 6 अगस्त तक पृथ्वी के चक्कर लगाएगा। इसके बाद वह 14 अगस्त से 20 अगस्त तक चांद की तरफ जाने वाली लंबी कक्षा में प्रवेश करेगा और 20 अगस्त को चांद की कक्षा में पहुंचकर उसके चक्कर लगाने शुरू करेगा। चंद्रयान-2, 31 अगस्त तक चांद के चक्कर लगाएगा। 1 सितंबर को लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ के लिए निकल पड़ेगा। 6 सितंबर को लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा और रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर विभिन्न प्रयोग करेगा।