
पाकिस्तान (Pakistan Inflation Rate) में आम लोगों की जिंदगी दिन प्रति दिन बदतर होती जा रही है. पेट्रोल-डीज़ल (Petrol Price in Pakistan) के बाद अब पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के दाम भी सातवें आसमान पर पहुंच गए है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में पाकिस्तान में महंगाई 87 महीने (7 साल से अधिक) में सबसे अधिक रही है. पाकिस्तान में महंगाई (Pakistan Economy Crisis) का आंकड़ा 11 फीसदी को भी पार कर गया है. यह बढ़कर 11.6 फीसदी पर है. आपको बता दें कि पाकिस्तानी करेंसी (Pakistan Currency) की कमजोरी और IMF की शर्तों को मानने के चलते महंगाई दर तेजी से बढ़ रही है. आने वाले दिनों में महंगाई के और बढ़ने की आशंका पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक ने जताई है.
आम आदमी को मारती महंगाई! पिछले साल अगस्त में जब सरकार सत्ता में आई तब पेट्रोल और डीजल क्रमश: जहां 95.24 रुपये और 112.94 रुपये प्रति लीटर था, वहीं अब यह 117.83 रुपये और 132.47 रुपये प्रति लीटर हो गया है.खाद्य तेल की कीमत 180-200 रुपये से बढ़कर 200-220 रुपये प्रति किलो हो गई. दालों की कीमतें बढ़ गई हैं. मूंग, मसूर और अरहर की कीमतें जो पहले 90 रुपये से 100 रुपये के बीच थीं, अब बढ़कर 150 रुपये से 180 रुपये हो गई हैं.
>> पाकिस्तानी अखबार डॉन (Dawn) की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन पिछले कुछ साल में यह औसतन 4.3 फीसदी की दर से बढ़ी है.
>> लेकिन अब आर्थिक गति तेजी से नीचे खिसक रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के अनुसार, 2019 और 2020 में पाक की जीडीपी में बढ़त दर 3 फीसद से भी कम रह जाएगी.
>> पाकिस्तान की बर्बाद अर्थव्यवस्था के पीछे राजनीतिक व्यवस्था है, जो अभी भी कर्ज और संरक्षण पर चलती है, और काफी हद तक पारदर्शिता से रहित है और संस्थागत स्वायत्तता से दूर है.
>> ब्लैकलिस्ट होने की स्थिति में आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए कई चुनौतियां एक साथ पेश हो गई हैं. पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था वैश्विक वित्तीय व्यवस्था से बिल्कुल कट जाएगी.
पाकिस्तानी रुपये में हो सकती है भारी ‘तबाही’-न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रोजाना निचले स्तर को छू रहा है. रुपये में गिरावट की वजह से पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ पेट्रोल-डीज़ल के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं.
अगले कुछ महीने मेंं पाकिस्तानी रुपया 200 प्रति डॉलर के स्तर को छू सकता है. ऐसा होने पर पाकिस्तान में महंगाई और तेजी से बढ़ने की आशंका है, क्योंकि पाकिस्तान अपनी जरूरत का ज्यादातर कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है.
साथ ही, रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली कई चीज़ें भी विदेशों से मंगाई जाती है. ऐसे में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के लिए इंपोर्ट महंगा हो जाएगा. लिहाजा महंगाई और तेजी से बढ़ सकती है.