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बंगाली भाषा पर मचा है सियासी बवाल… CM ममता ने किशोर कुमार के बहाने दिखाया आइना

दिल्ली पुलिस के एक पत्र में बंगाली को ‘बांग्लादेशी भाषा’ कहे जाने के बाद सियासी बवाल मचा हुआ है. तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी बीजेपी सरकार को निशाने पर ले रही है. वह आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार जानबूझकर अपमान कर रही है और भाषा की पहचान छीनने की कोशिश में जुटी हुई है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इशारों ही इशारों में संगीतकार किशोर कुमार की जयंती पर बंगाल की प्रतिभा का आइना दिखाया है.

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘महान संगीतकार, गीतकार और अभिनेता किशोर कुमार को उनकी जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. वे समस्त भारतीय बंगाली प्रतिभाओं की सफलता के प्रतीक थे.’ सीएम ममता का इशारा साफ है कि वे बंगाली भाषा के गौरव की बात कर रही हैं क्योंकि किशोर कुमार ने सिर्फ हिंदी में गाने गाए हैं बल्कि बंगाली भाषा में भी उनके कई नगमे हिट रहे हैं.

CM ममता ने बीजेपी सरकार पर क्या लगाए आरोप?

बीते दिन उन्होंने दिल्ली पुलिस के पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘अब देखिए कैसे भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सीधे नियंत्रण में दिल्ली पुलिस बंगाली को “बांग्लादेशी” भाषा बता रही है.’ बंगाली हमारी मातृभाषा, रवींद्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद की भाषा, जिस भाषा में हमारा राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत (बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित) लिखा गया है, जिस भाषा में करोड़ों भारतीय बोलते और लिखते हैं, जिस भाषा को भारत के संविधान द्वारा पवित्र और मान्यता प्राप्त है, उसे अब बांग्लादेशी भाषा बताया जा रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘ये निंदनीय, अपमानजनक, राष्ट्र-विरोधी, असंवैधानिक है. यह भारत के सभी बंगाली भाषी लोगों का अपमान है. वे ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं कर सकते जो हम सभी को अपमानित करती है. हम भारत की बंगाली-विरोधी सरकार के खिलाफ सभी से तत्काल और कड़ा विरोध करने का अपील करते हैं.’

दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?

दरअसल, लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अमित दत्त ने बंग भवन के प्रभारी अधिकारी को 24 जुलाई को लिखा था. उन्होंने पत्र के जरिए कहा, ‘जांच के दौरान इन संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के पास से राष्ट्रीय पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक खाते का विवरण आदि की प्रतियां मिलीं. संबंधित कोर्ट के आदेश पर संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अब जांच को आगे बढ़ाने के लिए बांग्लादेशी राष्ट्रीय भाषा में पारंगत एक आधिकारिक ट्रांसलेटर उपलब्ध कराया जाए. इस बात पर जोर दिया गया है कि अपेक्षित रिपोर्ट मुकदमे का सामना कर रहे संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के सफल अभियोजन के लिए एक जरूरी सबूत होगी.’

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