ब्रेकिंग
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने 4 गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाया, कार्रवाई के पीछे दिया ये तर्क अफगानिस्तान में 4.6 तीव्रता का भूकंप, उत्तराखंड में भी डोली धरती, लोगों में दहशत ग्रेटर नोएडा: शारदा यूनिवर्सिटी में छात्रा के सुसाइड पर हंगामा, दो प्रोफेसर सस्पेंड; स्टूडेंट्स का प... जब पर्दे पर पाकिस्तानी आतंकवादी बनने वाले थे अभिषेक बच्चन, अमिताभ ने ऐसे लगाई अक्ल ठिकाने इंग्लैंड से लौट रहा टीम इंडिया का ये खिलाड़ी, निजी कारणों से खेलने से किया इनकार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से ज्यादा अमीर है उनकी पोती, जानिए कितनी है संपत्ति भारत को 2 हफ्तों में 53000 करोड़ का नुकसान, क्यों उछल रहा इस्लामाबाद WhatsApp पर शुरू हुआ Status Ads फीचर, आपको कहां दिखेगा? शनि दोष से मुक्ति के लिए सावन के शनिवार को शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं? हफ्ते में कितने दिन बाद करना चाहिए शैंपू ? जानें स्कैल्प हेल्थ से जुड़ी जरूरी बातें
विदेश

न चीन, न रूस और न तुर्किए… ईरान को बचाने आगे आए ये 3 सुपरपावर देश

ईरान और इजराइल की जंग तेज होती जा रही है. अस्पताल पर हमला होने के बाद इजराइल ने खामेनेई को खत्म करने की कसम खाई. इस बीच तीन सुपरपावर देशों ने ईरान को बचाने की कवायद शुरू की है. खास बात ये है कि इन तीनों ही देशों में ईरान के दोस्त कहे जाने वाले चीन, रूस और तुर्की शामिल नहीं हैं.

एक जर्मन राजनयिक के हवाले से रॉयटर्स में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें तो जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री आगामी शुक्रवार को जिनेवा में अपने ईरानी समकक्षों के साथ परमाणु वार्ता करने की योजना बना रहे हैं. तीनों राष्ट्रों की कोशिश है कि वे इजराइल-ईरान संघर्ष के बीच वे किसी तरह कूटनीतिक समाधान तलाशें. इसके लिए वे ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची से भी मुलाकात करेंगे.

अमेरिका की सहमति से होगी वार्ता

जर्मनी के राजनयिक के अनुसार सबसे पहले तीनों ही यूरोपीय देशों के मंत्री जिनेवा में जर्मनी के स्थायी मिशन में यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिक काजा कालास से मिलेंगे. इसके बाद ईरानी विदेश मंत्री के साथ बैठक होगी. यह बातचीत संयुक्त राज्य अमेरिका की सहमति से होगी.

ट्रंप के बयान से बढ़ी चिंता

दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल के सैन्य अभियान में अमेरिका के शामिल होने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे चिंता बढ़ गई है कि संकट और बढ़ सकता है. हालांकि ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि उन्होंने ईरान पर हमले करने के लिए अमेरिकी सैन्य बलों को अनुमति देने के बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं लिया है. वह अभी इंतजार करना पसंद करेंगे.

परमाणु कार्यक्रम पर गारंटी को लेकर बातचीत

माना जा रहा है कि तीनों ही देश ईरान से बातचीत कर उसे इस बात पर राजी करना चाहते हैं कि वह परमाणु कार्यक्रम को सीमित रखेगा और इसका प्रयोग सिर्फ नागरिक उद्देश्यों के लिए ही करेगा. दरअसल इजराइल का कहना है कि वह तेहरान की परमाणु हथियार विकसित करने की क्षमता को खत्म करेगा, जबकि ईरान का कहना है कि वह परमाणु कार्यक्रम का प्रयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए नहीं कर रहा है.

जर्मन चांसलर ने दी थी ईरान को सलाह, विदेश मंत्री ने ये कहा

जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने इजराइल का समर्थन करते हुए तेहरान से तनाव कम करने की अपील की थी. चांसलर ने ये भी कह दिया था कि अन्यथा उन्हें विनाश का सामना करना होगा. उधर जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने ईरान के नेताओं से अपील की कि वे समाधान की दिशा में काम करें और परमाणु कार्यक्रम पर आश्वासन दें.उन्होंने बर्लिन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराया कि वे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक समाधान में योगदान देने के लिए तैयार हैं.

ईरान से की बातचीत

जर्मन विदेश मंत्री वेडफुल ने फ्रांसीसी और ब्रिटिश समकक्षों और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख के साथ सोमवार को ईरानी विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और एक स्पष्ट प्रस्ताव रखा. वेडफुल ने इस बात पर जोर दिया कि तेहरान को तनाव कम करने की दिशा में पहला कदम उठाना चाहिए. स्काई न्यूज के उप राजनीतिक संपादक सैम कोट्स ने पुष्टि की है कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ईरान और अपने यूरोपीय समकक्षों के साथ परमाणु वार्ता में भाग लेने पर सहमति जता दी है.

Related Articles

Back to top button