ब्रेकिंग
सिवनी में रील बनाने के चक्कर में गई जान: चप्पल फिसली और खाई में बह गया युवक ममता बनर्जी कल शहीद सभा से फूकेंगी चुनावी बिगुल, भाजपा से मुकाबले की रणनीति का करेंगी ऐलान पंजाब: मोगा के इन होटलों में चल रहा था जिस्मफरोशी का धंधा, पुलिस ने मारा छापा… 18 लड़कियों को बचाया 6 राज्यों में छापे, 10 गिरफ्तार… आगरा धर्मांतरण मामले में पीड़िता के पिता ने किए चौंकाने वाले खुलासे इंडोनेशिया में यात्रियों से भरी शिप में लगी आग, जान बचाने समुद्र में कूदे लोग… VIDEO में दिखा खतरनाक... जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मुठभेड़, सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के 2-3 आतंकियों को घेरा 2 दिन के ब्रिटेन दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी, FTA पर बनेगी बात? ये है यात्रा का एजेंडा पहले अपराध की घटनाओं को किसानों से जोड़ा, अब बिहार के ADGP ने मांगी माफी, बोले- ऐसा इरादा नहीं था एक शक ने घर कर दिया तबाह! ऑफिस जा रही पत्नी की चाकू से वारकर हत्या, फिर पति ने खुद लगा ली फांसी उत्तराखंड हेलिकॉप्टर क्रैश: केबल से टकराई थी चॉपर की ब्लेड, रिपोर्ट में सामने आई हादसे की वजह
देश

शाहीन बागः वार्ताकार बोले- मीडिया के सामने नहीं होगी बात, प्रदर्शनकारियों ने भी रखीं शर्तें

नई दिल्लीः दिल्ली के शाहीन बाग में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों से बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार बात करने पहुंचे। वार्ताकार वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना राम चंद्रन जैसे ही प्रदर्शन मंच पर पहुंचे तो लोगों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। मंच पर पहुंचते ही संजय हेगड़ ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ा और कहा प्रोटेस्ट की इजाजत सबको है लेकिन किसी को रास्ता रोकने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे पास वक्त है, हम आपको सुनने आए हैं। वहीं साधना राम चंद्रन ने कहा कि आंदोलन करना आपका अधिकार है लेकिन यह ध्यान रखें कि दूसरों का हक भी बरकरार रहे।

उन्होंने कहा कि आंदोलन से किसी परेशानी नहीं होनी चाहिए। संजय हेगड़े ने कहा कि बातचीत से ही किसी बात का हल निकाला जा सकता है। वहीं उन्होंने कहा कि मीडिया के बिना ही इस मामले पर हम बातचीत करेंगे। साधना राम चंद्रन कहा कि दोनों पक्षों के बीच क्या बात हुई हम खुद इसकी जानकारी मीडिया को देंगे फिलहाल मीडिया बाहर जाए। वहीं बातचीत से पहले प्रदर्शनकारियों ने अपनी कुछ शर्तें वार्ताकारों के सामने रखीं।

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ 67 दिन से धरना जारी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई जारी है और कोई अंतिम आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन कोर्ट कई बार प्रदर्शनकारियों से कह चुका है कि हर किसी का अधिकार है कि वो आंदोलन करे लेकिन इससे दूसरों को परेशानी नहीं होनी चाहिए इसका भी ध्यान रखना जरूरी है। प्रदर्शनकारी CAA वापिस लेने मांग पर अड़े हुए हैं जबकि केंद्र साफ कह चुकी है कि यह फैसला अब वापिस नहीं होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button