ब्रेकिंग
सिवनी में रील बनाने के चक्कर में गई जान: चप्पल फिसली और खाई में बह गया युवक ममता बनर्जी कल शहीद सभा से फूकेंगी चुनावी बिगुल, भाजपा से मुकाबले की रणनीति का करेंगी ऐलान पंजाब: मोगा के इन होटलों में चल रहा था जिस्मफरोशी का धंधा, पुलिस ने मारा छापा… 18 लड़कियों को बचाया 6 राज्यों में छापे, 10 गिरफ्तार… आगरा धर्मांतरण मामले में पीड़िता के पिता ने किए चौंकाने वाले खुलासे इंडोनेशिया में यात्रियों से भरी शिप में लगी आग, जान बचाने समुद्र में कूदे लोग… VIDEO में दिखा खतरनाक... जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मुठभेड़, सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के 2-3 आतंकियों को घेरा 2 दिन के ब्रिटेन दौरे पर जाएंगे पीएम मोदी, FTA पर बनेगी बात? ये है यात्रा का एजेंडा पहले अपराध की घटनाओं को किसानों से जोड़ा, अब बिहार के ADGP ने मांगी माफी, बोले- ऐसा इरादा नहीं था एक शक ने घर कर दिया तबाह! ऑफिस जा रही पत्नी की चाकू से वारकर हत्या, फिर पति ने खुद लगा ली फांसी उत्तराखंड हेलिकॉप्टर क्रैश: केबल से टकराई थी चॉपर की ब्लेड, रिपोर्ट में सामने आई हादसे की वजह
देश

दूरसंचार मंत्री की सहमति के बिना जारी हुआ था सख्ती न करने का आदेश, दोषियों पर होगी कार्रवाई: सूत्र

नई दिल्लीः दूरसंचार विभाग का बकाया न चुकाने पर टेलिकॉम कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के विभाग के पिछले आदेश को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। दूरसंचार विभाग का एजीआर (अडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) बकाए के भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद और सचिव की सहमति के बिना जारी किया गया था। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उसने कहा कि सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और जो भी दोषी पाय जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने 23 जनवरी का जो आदेश दिया था, वह दूरसंचार मंत्री और दूरसंचार सचिव की मंजूरी के बिना दिया गया।

दूरसंचार विभाग ने आदेश वापस लिया
इससे पहले, दूरसंचार विभाग ने वैधानिक बकाया समय पर नहीं लौटाने को लेकर दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को लेकर जारी आदेश वापस ले लिया। साथ ही उच्चतम न्यायालय के अक्टूबर में दिए गए निर्णय के अनुपालन को लेकर तत्काल जरूरी कार्रवाई करने को कहा है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने आदेश के अनुपालन नहीं होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया, जिसके बाद विभाग ने यह कदम उठाया।

23 जनवरी को चुकाना था बकाया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार की सुनवाई में सरकार को फटकार लगाई और कहा कि अभी तक बकाए का भुगतान क्यों नहीं हुआ है। इसके अलावा, इन कंपनियों के प्रबंधन प्रमुख से पूछा कि आपके खिलाफ क्यों नहीं कड़ी कार्रवाई की जाए? सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर को आदेश दिया था कि ये कंपनियां 23 जनवरी तक एजीआर बकाए का भुगतान करें। वोडा आइडिया और एयरटेल तारीख बढ़ाने को लेकर कोर्ट पहुंची थीं। टेलिकॉम कंपनियों पर करीब 1.47 लाख करोड़ रुपए का बकाया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button