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तम्बाकू के सेवन से विश्व में होने वाली मौतों में भारत का दूसरा स्थान, हर साल होती हैं 70 लाख मौतें

लखनऊ: भारत में आज 60 फीसदी से अधिक लोग तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं। ये जानने के बावजूद कि इसके सेवन से कैंसर, दिल का दौरा, स्ट्रोक, अस्थमा इत्यादि रोग हो सकते हैं। समाज में तम्बाकू के सेवन से हो रही मौतें चिंता का विषय है। तम्बाकू से फैलते मीठे जहर के खिलाफ पूरे विश्व में 31 मई को विश्व निषेध तम्बाकू दिवस मनाया जाता है। अपोलोमेडिक्स सुपर स्पैशलिटी अस्पताल के संस्थापक एवं सह-चेयरमैन, डॉ. सुशील गट्टानी ने कहा कि युवा पीढ़ी तम्बाकू का सेवन सबसे अधिक कर रही है। ऐसे में वे उनसे यही कहना चाहेंगे की जिंदगी को चुने और तम्बाकू मुक्त जीवन जीएं।

अपोलोमेडिक्स सुपर स्पैशलिटी अस्पताल के ओन्कोलॉजिस्ट, डॉ. हर्षवर्धन आत्रेय ने बताया कि आज तम्बाकू की लत से छुटकारा दिलवाने के लिए काफी प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है, लेकिन नतीजा उम्मीद के मुताबिक नहीं मिल रहा है। पूरे विश्व में आज 70 लाख मौतें हो रही हैं और तम्बाकू से होने वाली मौतों में चीन के बाद भारत का नाम दूसरे पायदान पर आता है। जहां हर साल 8 लाख से अधिक मौतें होती हैं, वहीं अपोलोमेडिक्स सुपर स्पैशलिटी अस्पताल के सर्जिकल ओन्कोलॉजिस्ट डॉ. कमलेश वर्मा ने बताया कि आज अधिकांश लोग तम्बाकू का सेवन सिगरेट, पान-मसाला, चरस, गांजा सहित विभिन्न प्रकार के स्रोतों से कर रहे हैं

सिगरेट पीने से फेफड़े की बीमारी सहित लंग कैंसर का खतरा रहता है तो वहीं पान-मसाले के सेवन से ओरल कैंसर होने का खतरा बराबर बना रहता है। पुरुषों में नपुंसकता और औरतों में बांझपन का बहुत बड़ा कारण तम्बाकू ही है। तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में घातक है। मुंह, होंठ, गले, धवनि यन्त्र, मूत्राशय आदि के कैंसर होने का 60 प्रतिशत कारण खाने वाले तम्बाकू का प्रयोग करना है।

 

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