AIIMS के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम, प्रदर्शन और आगजनी… बंगाल में रेप केस पर फिर घिरीं ममता बनर्जी

कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिलट में लेडी डॉक्टर की रेप और मर्डर के मामला अभी शांत भी नहीं पड़ा था कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के कुलतली में चौथी कक्षा की बालिका का क्षत-विक्षत शव बरामद होने से बवाल मच गया है. मृतक के परिवार ने दावा किया कि उनकी बेटी के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इस घटना से पूरे राज्य में एक बार फिर हड़कंप मच गया है. पुलिस एक आरोपी को पहले ही अरेस्ट कर चुकी है.

लेकिन दुर्गा पूजा के उत्सव के बीच ममता बनर्जी फिर से रेप केस को लेकर घिर गई हैं और विपक्ष उनके उनके इस्तीफे की मांग की है. वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी पुलिस की भूमिका पर असंतोष जताया है.

दूसरी ओर, कुलतली में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस की भूमिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई. जस्टिस तीर्थंकर घोष ने मामले को POCSO कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया.

जज का सवाल किया कि सुरथल रिपोर्ट यौन शोषण की ओर इशारा करती है, फिर भी पुलिस ने POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज क्यों नहीं किया? कलकत्ता हाई कोर्ट ने कल्याणी जेएनएम अस्पताल में पोस्टमार्टम का आदेश दिया है. एम्स के विशेषज्ञ शव परीक्षण करेंगे.

कोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल

इस बीच, पीड़िता के शव परीक्षण को लेकर पेचीदगी पैदा हो गई है. परिवार नहीं चाहता कि शव का पोस्टमार्टम राज्य पुलिस के अधीन सरकारी अस्पताल में हो. उस अर्जी को लेकर परिवार ने रविवार को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवाग्नम के आदेश के बाद रविवार को हाई कोर्ट में तत्काल आधार पर मामले की सुनवाई हुई.

जस्टिस तीर्थंकर घोष की बेंच ने रविवार को अभूतपूर्व सुनवाई की. इसे देखते हुए राज्य ने अदालत में दलील दी कि राज्य के पास केंद्रीय अस्पताल में शव परीक्षण का आदेश देने की शक्ति नहीं है. पूरी सुनवाई के दौरान कई अस्पतालों के नाम सामने आये.

AIIMS में पीड़िता का पोस्टमार्टम करने का आदेश

कमांड हॉस्पिटल की ओर से मेजर विजय ने कहा कि उनके पास फॉरेंसिक एक्सपर्ट नहीं हैं. न्यायाधीश ने कहा, “अगर अस्पताल अनिच्छुक है तो मैं इसे मजबूर नहीं करना चाहता.” कल्याणी एम्स से लेकर ईएसआई जोका तक का नाम लिस्ट में आया. क्योंकि सबसे पहले कमांड हॉस्पिटल ने बताया कि उनके हॉस्पिटल में कोई फॉरेंसिक एक्सपर्ट नहीं है.

तब न्यायाधीश ने स्वयं सुझाव दिया कि शव परीक्षण राज्य के कल्याणी जेएनएम अस्पताल में एम्स विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए. परिवार की मांग के अनुसार, बारुईपुर न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया जाएगा.

लेकिन इस मामले में सबसे उल्लेखनीय बात, जज ने पूछा, पीड़िता की उम्र 10 साल है. स्वाभाविक रूप से POCSO को शामिल किया जाना चाहिए. राज्य की ओर से महाधिवक्ता ने कहा, ”हम शिकायत के सभी प्रावधानों को कानूनी तरीके से जोड़ेंगे.”

जज ने पूछा, “सुरथल या जांच रिपोर्ट देखने के बाद भी आपने POCSO क्यों नहीं जोड़ा?” न्यायाधीश ने आरोपी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश करने के बजाय मामले को POCSO अदालत में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया.

POCSO में केस हो दर्ज, 3 महीने में मिले सजा: ममता

दूसरी ओर, इस घटना के बाद ममता बनर्जी ने कहा, ”बीच-बीच में एक-दो घटनाएं हो जाती हैं तो बंगाल में चीख-पुकार मच जाती है. यह होना चाहिए, अधिकार है लेकिन जब ऐसा दूसरी जगहों पर होता है तो वे मुंह पर ल्यूकोप्लास्टर लगा देते हैं. कोई विरोध नहीं होता है.

फर्जी वीडियो फैलने पर ममता ने जताया गुस्सा. उन्होंने कहा, ”जो लोग वीडियो पर बैठकर बिजनेस कर रहे हैं, क्या उन्हें नहीं लगता? बलात्कार पीड़ितों पर मीडिया द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. अपराध तो अपराध है. जो भी अपराध करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मैं चाहती हूं कि पुलिस कुलतली घटना को POCSO मामले के रूप में दर्ज करे और तीन महीने के भीतर दोषी को सजा मिले.

उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन ये भी सही है. मैं उन लोगों का समर्थन करती हूं जो सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हैं, लेकिन यह भी प्रचारित करें कि बच्चे यूट्यूब पर खराब वीडियो देखकर बुरी चीजें सीख रहे हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया ट्रायल बंद होना चाहिए.

बीजेपी ने ममता का मांगा इस्तीफा

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हर सुबह बंगाल के लोग एक और बलात्कार की घटना के बारे में सुनकर उठते हैं. आज पूर्वी मिदनापुर के पाटशपुर इलाके में एक गृहिणी को उसके घर से अपहरण कर लिया गया और उसके साथ बेरहमी से बलात्कार किया गया. जघन्य अपराध के बाद अपराधियों ने उसके गले में जहरीला कीटनाशक डालकर उसकी मौत सुनिश्चित कर दी.

उन्होंने कहा कि हम किस अंधकारमय और भयावह स्थिति में जी रहे हैं, जहां महिलाएं अपने घर में भी सुरक्षित नहीं हैं? क्या बंगाल की महिलाओं को मात्र 1,000 रुपए प्रति माह के लिए अपनी इज्जत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास गिरवी रखनी पड़ेगी? उसे शर्म आनी चाहिए! यदि वह बंगाल की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती हैं, तो उन्हें एक असफल मुख्यमंत्री के रूप में तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.

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