शिमला के संजौली में मस्जिद निर्माण के विरोध में गुरुवार को हिन्दू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया, हालांकि आज इलाके में शांति है लेकिन तनाव जस का तस बना हुआ है. साल 2007 से ही मस्जिद में चल रहा अवैध निर्माण विवादों में है और फिलहाल यह मामला म्युनिसिपल कमिश्नर कोर्ट में लंबित है, जिस पर अहम सुनवाई 7 सितंबर को होनी है.
अब तक इस मामले में कुल 44 सुनवाई हो चुकी है. मुस्लिम पक्ष मस्जिद को वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति बताता है, मस्जिद के इमाम मौलाना शहज़ाद कहते हैं कि यह मस्ज़िद 1947 से पहले से यहां मौजूद है और जो मामला कोर्ट में चल रहा है उसे वक़्फ़ बोर्ड देख रहा है.
क्यों बढ़ गया विवाद और हुए विरोध प्रदर्शन ?
मस्जिद के निर्माण से जुड़ा विवाद पुराना है लेकिन अचानक से इसके विरोध में बड़ा प्रदर्शन होने के पीछे दो अलग-अलग समुदाय के दुकानदारों के बीच हुआ झगड़ा है. शिमला के मन्याली में एक सैलून मालिक और एक बिजली उपकरण के दुकानदार के बीच विवाद हुआ जिनकी दुकानें साथ में ही लगती थीं. यह विवाद हाथा-पाई तक पहुंचा जिसके बाद स्थानीय दुकानदारों ने शुरुआत में हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों को शांत करा दिया, लेकिन झगड़ा यहीं नहीं रुका, दोनों समुदाय के दुकानदारों ने अपने लोगों को इकट्ठा कर दोबारा एक दूसरे पर हमला किया जिसमें बिजली उपकरण दुकानदार को गंभीर चोटें आई. इस हमले के बाद हिन्दू समुदाय के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और संगठनों ने एकत्रित हो कर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई.
मन्याला का मुद्दा संजौली तक कैसे पहुंचा?
शिमला के संजौली में मन्याला के मुकाबले मुस्लिम समुदाय के लोग सबसे ज्यादा संख्या में रहते हैं. इसके अलावा मस्जिद निर्माण से जुड़ा विवाद लंबित है जिस पर 7 सितंबर को फैसला आने की भी संभावना है. स्थानीय लोग बताते हैं कि विरोध प्रदर्शन का केंद्र इसलिये संजौली को बनाया गया. दो अलग-अलग समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प के बाद यह मुद्दा बड़ा बन गया है और अब हिन्दू संगठनों ने सरकार और प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम दे दिया है.
उनका कहना है कि कोर्ट और प्रशासन इस पर जल्द निर्णय करे और अवैध निर्माण पर बुलडोज़र कार्रवाई की जाए नहीं तो इसका फैसला शिमला की जानता अपने हाथों कर देगी.हिन्दू संगठनों के इस अल्टीमेटम से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. मस्जिद के चारों तरफ पुलिस तैनाती कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
शुक्रवार को मस्जिद में नहीं पढ़ पाएंगे नमाज़
संजौली में गुरुवार को हुए विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को तनाव का आलम यह है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को मस्जिद में जुटने से परहेज करने को कहा गया है. मस्जिद के मौलाना ने बताया कि नमाज़ अपने नियत समय से ही होगी लेकिन समुदाय के लोगों को डर है, लिहाज़ा उन्हें कहा भी गया है कि वो मस्जिद में न जुटें. मौलाना शहज़ाद ने बताया कि यहां ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग बाहर राज्यों के ही हैं और घटना के बीच डरे सहमे हुए हैं.
विवाद को लेकर क्या बोले मस्जिद के मौलाना?
TV9 से बातचीत में मस्जिद के मौलाना ने माना है कि कुछ कमियां जरूर रही हैं जिसकी वजह से आज तक मस्जिद पर विवाद है, लेकिन साथ ही मौलाना शहज़ाद ने यह भी कहा कि स्थानीय लोग भी जानते हैं कि यह मस्जिद पुराने समय से यहां है और हिमाचल की ही है. मौलाना ने लोगों से आपस में शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील भी की है.
मस्जिद विवाद में आगे क्या होना है?
मस्जिद निर्माण से जुड़े विवाद का मामला फिलहाल म्युनिसिपल कमिश्नर कोर्ट में लंबित है जिस पर शनिवार को अहम सुनवाई होनी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि फैसला उनकी मांग के अनुकूल रहा तो विवाद आगे नहीं बढ़ेगा लेकिन यदि उनकी मांग से इतर फैसला आया तो लोग भड़क सकते हैं और फिर से प्रदर्शन शुरू हो सकता है. इसके अलावा हिन्दू संगठनों की ओर से जो दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया है उसकी मियाद रविवार को पूरी होगी जिसके बाद तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
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