भारत में बढ़ती बिजली खपत की चिंता को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें राहत की खबर मिली है. दरअसल,देश में बिजली खपत अगस्त में सालाना आधार पर 4.7 प्रतिशत घटकर 144.21 अरब यूनिट रही. इसका मुख्य कारण देश भर में सामान्य से अधिक बारिश होना है, जिसके कारण एयर कंडीशनर और डेजर्ट कूलर जैसे उपकरणों का उपयोग कम हो गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगस्त में देश में 287.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 248.1 मिमी से लगभग 16 प्रतिशत अधिक है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अगस्त, 2023 में बिजली की खपत 151.32 अरब यूनिट रही थी.
क्या कहती है रिपोर्ट?
एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति भी अगस्त, 2024 में घटकर 216.68 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) रह गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में 236.29 गीगावाट थी. इस साल मई में बिजली की अधिकतम मांग लगभग 250 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई. पिछली सर्वकालिक उच्चतम मांग 243.27 गीगावाट सितंबर, 2023 में दर्ज की गई थी.
मंत्रायल का है ये अनुमान
इसी वर्ष बिजली मंत्रालय ने मई के लिए दिन के समय 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट तथा जून के लिए दिन के समय 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट बिजली की अधिकतम मांग का अनुमान लगाया था. मंत्रालय ने यह भी अनुमान लगाया था कि इस गर्मी में अधिकतम बिजली की मांग 260 गीगावाट तक पहुंच सकती है.
विशेषज्ञों ने कहा कि देश में सामान्य से अधिक बारिश के कारण एयर कंडीशनर और डेजर्ट कूलर जैसे उपकरणों का उपयोग कम हुआ है जिससे कुल बिजली खपत कम रही. उन्होंने कहा कि त्योहारों की शुरुआत के साथ देश में वाणिज्यिक और औद्योगिक खपत में सुधार के कारण आने वाले दिनों में बिजली की मांग के साथ-साथ खपत बने रहने की संभावना है.
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