इजराइल सेना ने मंगलवार को गाजा में एक खास ऑपरेशन कर इजराइली बंधक फरहान अल-कादी को रिहा कराया है. अल-कादी 10 महीने गाजा की टनल में रहने के बाद बाहर आए हैं. इजराइल सेना के इस सफल ऑपरेशन और अल-कादी की रिहाई पर पूरे इजराइल में खुशी का महौल है, लेकिन अल-कादी के परिवार से ज्यादा कोई खुश नहीं है. उनकी खुशी का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे हॉस्पिटल गेट से उनके ट्रीटमेंट रूम तक भागते हुए पहुंचे.
इजराइल सरकार के ऑफिशियल एक्स अकाउंट से शेयर की गई एक वीडियो में अल-कादी के भाई ने कहा, “मैं इस फीलिंग को बयान नहीं कर सकता हूं, ये दूबारा जन्म लेने से भी अच्छी है.”
52 साल के अल-कादी इजराइली मुस्लिम और बेदौइन समुदाय के हैं जो दक्षिणी इजरायल में राहत के पास एक गांव से ताल्लुक रखते हैं. खबरों के मुताबिक जब उनका अपहरण किया गया, तब वह एक छोटे से इजराइली किबुत्ज़ में एक निहत्थे गार्ड के रूप में काम कर रहे थे.
परिवार में 11 बच्चे और 2 पत्नी
अल कादी का परिवार उनके बंधक बनाए जाने के बाद से बेहद परेशान था. उनके परिवार के एक सदस्य अबु सुहैबान ने बताया कि उनके अपहरण के बाद से ही पूरा परिवार उनके इंतजार में था. अल कादी के 11 बच्चे हैं और दो पत्नी हैं. हम हर दिन उनके वापस लौटने की दुआ कर रहे थे.
जिस बेदौइन समुदाय से अल-कादी आते हैं, वे अरब का रेगिस्तानों में रहने वाला एक ट्राइब है. इस समुदाय को इजराइली नागरिकों की तरह सेना में भर्ती होने की अनुमति नहीं है, पर ये सेना के कामों को वॉलंटियर कर सकते हैं.
इजरायल के नेशनल लाइब्रेरी के मुताबिक इजराइल में लगभग 250,000 बेदौइन हैं, जिनमें से कई ऐसे शहरों में रहते हैं जिन्हें अभी तक मान्यता नहीं मिली है, जबकि कई दूर-दराज के गांवों में रहते हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन का कहना है कि बेदौइन समुदाय के साथ इजराइल में भेदभाव होता है और उनको उनके इलाकों से बाहर निकालने का डर बना रहता है.
हमास के पास अभी कितने बंधक?
हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल में घुसकर हमला किया था और करीब 250 इजराइलियों को बंधक बना लिया था. जिसमें अधिकतर बंधकों को पिछले संघर्ष विराम और कई ऑपरेशन्स में रिहा करा लिया गया है.
इजराइली प्रधानमंत्री ऑफिस और होस्टेजेस एंड मिसिंग फैमली फोरम के डेटा के मुताबिक, अल-कादी की रिहाई के बाद करीब 104 बंधक हमास के पास हैं. इनमें से 34 बंधकों के मरने की आशंका है.
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