पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम्स से जुड़े नियम सीधे वित्त मंत्रालय बनाता है. ये स्कीम्स मुख्य तौर पर नेशनल स्मॉल सेविंग्स (National Small Savings-NSS) के दायरे में आती हैं. अब वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने इनसे जुड़े कुछ नए नियम बनाए हैं, जो एक अक्टूबर 2024 से लागू हो जाएंगे, क्या आप पर भी इनका असर होगा?
वित्त मंत्रालय ने हाल में एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें इन सभी बदलावों का जिक्र है. मुख्य तौर पर ये नियम सुकन्या समृद्धि योजना और पोस्ट ऑफिस की अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम के अनियमित खातों को नियमित करने से जुड़े हैं. चलिए जानते हैं इन नियमों के बारे में…
पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं से जुड़े नियम
पोस्ट ऑफिस या अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम्स से जुड़े अकाउंट्स में जब भी कोई इरेग्युलरिटी पाई जाती है, तब उन्हें नियमित करने के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया जाता है. वित्त मंत्रालय में इसके लिए अलग से विभाग बनाया गया है, जो ऐसे खातों को नियमित करने का काम करता है. मौजूदा समय में सरकार ने ऐसी 6 कैटेगरी की पहचान की है, जहां अनियमिताओं को नियमित किया जाना है…
- बच्चों या माइनर के नाम पर खोले गए अनियमित पीपीएफ अकाउंट में उनके व्यस्क होने की अवधि तक पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट का इंटरेस्ट रेट मिलेगा. इसके बाद उन्हें पीपीएफ का ब्याज मिलेगा. इसमें भी अहम बात ये है कि मैच्योरिटी का कैलकुलेशन उनके व्यस्क होने की तिथि से किया जाएगा.
- एक से ज्यादा पीपीएफ अकाउंट होने की स्थिति में प्राइमरी अकाउंट पर ही ब्याज मिलेगा. जबकि उसके अलावा अन्य सभी खातों को प्राइमरी अकाउंट में मर्जर कर दिया जाएगा. तभी उस रकम पर ब्याज मिलेगा.
- अगर पीपीएफ अकाउंट किसी एनआरआई का है, तो जहां फॉर्म-एच में रेजिडेंसी स्टेटस नहीं घोषित किया गया है. वहां पर POSA इंटरेस्ट रेट दिया जाएगा. ये फायदा उन्हीं लोगों को मिलेगा जो 30 सितंबर 2024 तक एनआरआई बन जाएंगे.
- अगर किसी बच्ची के लिए उसके दादा-दादी या नाना-नानी या अभिभावक के अलावा सुकन्या समृद्धि खाता खोला है, तब दो बातों पर गौर किया जाएगा. क्या दादा-दादी की गार्जियशिप में खाता खोला गया है, ऐसे मामलों में गार्जियनशिप बच्ची के लीगल गार्जियन को ट्रांसफर हो जाएगी. वहीं अगर एक ही परिवार में दो अकाउंट खोले गए हैं, जो सुकन्या समृद्धि अकाउंट स्कीम 2019 के पैराग्राफ-3 का उल्लंघन करते हैं, तो उन अकाउंट को बंद कर दिया जाएगा.
- NSS से जुड़े तीन तरह के खातों के लिए नियम बदले गए हैं. इसमें अप्रैल 1990 के डीजी ऑर्डर से पहले खोले गए दो NSS-87 अकाउंट, डायरेक्टर जनरल के ऑर्डर के बाद खोले गए NSS-87 अकाउंट और 2 से अधिक NSS-87 अकाउंट का खोला जाना शामिल है. इसमें पहले तरह के खातों के लिए 0.20 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट (POSA) इंटरेस्ट जुड़ेगा. जबकि दूसरे तरह के खातों पर सामान्य ब्याज ही मिलेगा. वहीं तीसरी तरह के खातों पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा, बल्कि उनका प्रिंसिपल अमाउंट लौटा दिया जाएगा.
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