मनीष सिसोदिया के जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली और आप की राजनीति में क्या-क्या बदलाव होगा? दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से ही यह सवाल सुर्खियों में है. सिसोदिया की शराब घोटाले में जमानत तब मिली है, जब राजधानी में विधानसभा चुनाव होने में सिर्फ 7 महीने का वक्त बचा है.
दिल्ली में फरवरी 2025 में 70 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. यहां पर आम आदमी पार्टी का मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से है. कांग्रेस भी चुनावी रण को त्रिकोणीय लड़ाई बनाने में जुटी हुई है.
आप के लिए संजीवनी बनकर आए सिसोदिया?
दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी के नंबर-1 नेता अरविंद केजरीवाल और नंबर-2 मनीष सिसोदिया को माना जाता हैं. पिछले 4 महीने से दोनों ही नेता जेल में बंद थे. अब सिसोदिया को जमानत मिली है, तो इसे आप के लिए संजीवनी के तौर पर देखा जा रहा है. इसकी 3 वजहें हैं-
1. मनीष सिसोदिया अरविंद केजरीवाल की तरह ही लोगों के बीच के नेता हैं. अपने भाषणों से भीड़ जुटाने और लोगों में संदेश देने में माहिर हैं. 2013 में जब आप की पहली सरकार बनी तो केजरीवाल ने अपने साथ सिसोदिया को डिप्टी सीएम बनाया. जेल जाने तक सिसोदिया डिप्टी सीएम रहे.
2. सिसोदिया आप के फाउंडर मेंबर रहे हैं. उन्हें चुनाव लड़ने की रणनीति से लेकर कार्यकर्तांओं तक की पहचान हैं. इतना ही नहीं, दिल्ली में स्कूल को लेकर किए गए उनके कामों की भी तारीफ होती है. सिसोदिया ने जेल से बाहर निकलकर इसे ही मुद्दा बनाया है.
3. सिसोदिया की जमानत ने फिर से दिल्ली की राजनीति को इमोशनल पिच पर ला दिया है. आप सिसोदिया के जरिए इमोशनल कार्ड भी खेलेगी और पार्टी अरविंद के जेल में रहने का भी मुद्दा बनाएगी. सिसोदिया ने कहा भी है कि पार्टी के कार्यकर्ता जाकर केजरीवाल के बारे में लोगों को बताएं.
दिल्ली की राजनीति में क्या-क्या बदलेगा?
सवाल दिल्ली और आम आदमी पार्टी के भीतर के बदलाव को लेकर है. सिसोदिया जेल जाने से पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम थे. उनके पास शिक्षा और आबकारी जैसे बड़े विभाग थे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वे फिर से डिप्टी सीएम बन सकते हैं?
आप मुख्यालय में बोलते हुए सिसोदिया ने इसके संकेत भी दिए. उन्होंने कहा कि मेरी उर्जा खत्म करने के लिए जेल में डाला गया, लेकिन मैं दोगुनी उर्जा के साथ आपके बीच हूं. अब और ज्यादा स्कूल बनाए जाएंगे.
इसकी चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि दिल्ली में अब से कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं. सिसोदिया डिप्टी सीएम बनेंगे या नहीं, इस पर आप की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है. इसकी वजह अरविंद केजरीवाल का जेल में होना है.
डिप्टी सीएम या मंत्री मुख्यमंत्री की सिफारिश पर ही बनाया जा सकता है. जेल से इस आदेश का निकालना आसान नहीं है. इसके अलावा 2 और बदलाव की चर्चा हो रही है.
1. आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल अभी जेल में हैं. ऐसे में केजरीवाल की जगह पर अब मनीष सिसोदिया चुनावी कैंपेन की कमान संभाल सकते हैं. दिल्ली मुख्यालय में सिसोदिया ने एक कैंपेन की घोषणा भी की है. उन्होंने कहा कि गली-गली में तानाशाही भारत छोड़ो का नारा आप के कार्यकर्ता लगाएं.
2. अरविंद केजरीवाल की याचिका पर हाईकोर्ट में 5 सितंबर को सुनवाई होनी है. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने ईडी से कई सारे सवाल पूछे थे. आप की नजर अब 5 सितंबर की सुनवाई पर है. उसके बाद ही बदलाव से जुड़ी तस्वीर साफ हो पाएगी.
सिसोदिया की रिहाई से बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन?
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी है, जो अब तक शराब घोटाले को लेकर काफी मुखर थी, लेकिन पहले संजय सिंह और अब मनीष सिसोदिया केस में जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आई है, उससे बीजेपी बैकफुट और आप फ्रंटफुट पर आ गई है. सिसोदिया के जमानत ने भी बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है.
हालांकि, बीजेपी सिसोदिया की जमानत को सिर्फ एक सामान्य जमानत की तरह बताना चाह रही है, लेकिन आप इस मुद्दे के सहारे 17 महीने का हिसाब मांगने की तैयारी में है. मनीष सिसोदिया 17 महीने से जेल में बंद थे.
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हु्ए दिल्ली आप के अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा- बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि सिसोदिया को सिर्फ जमानत मिली है, लेकिन हम कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बीजेपी की जमानत जब्त कराने का लाइसेंस है.
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