पहाड़ों पर बादल फटने से तबाही! उत्तराखंड के केदारघाटी में 500 लोग अब भी फंसे, 9000 का रेस्क्यू; जानें केरल-हिमाचल का हाल

पहाड़ से लेकर मैदान इस समय कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है. अभी दो दिन पहले ही केदारनाथ के पास बादल फटने की वजह से यहां दर्शन करने आए करीब साढ़े नौ हजार लोग फंस गए थे. अब तक इनमें से 9000 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है, वहीं 500 लोग अभी भी फंसे हुए हैं. रुद्रप्रयाग के सोनप्रयाग में हुए हादसे में 6 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई लोग लापता हैं. इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश में भी बादल फटने की वजह से 6 लोगों की मौत हुई है. जबकि जम्मू कश्मीर में बादल फटने से दर्जनों किसानों की पूरी फसल तबाह हो गई है.

उत्तराखंड सरकार ने सोनप्रयाग की घटना पर आधिकारिक बयान जारी किया है. राज्य सरकार के मुताबिक केदार घाटी में बादल फटने की वजह से करीब साढ़े नौ हजार लोगों पानी से घिर गए थे. इनमें से अब तक 9000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है. वहीं अब शेष बचे 500 लोगों को रेस्क्यू करने के लिए राहत टीम लगातार कोशिश कर रही है. राहत कार्य में चिनूक और एमआई 17 के हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं. हालांकि मौसम खराब होने की वजह से यह हेलीकॉप्टर भी ज्यादा मदद नहीं कर पा रहे हैं.राहत कार्य के साथ प्रशासन पैदल पुल फिर से तैयार करने की कोशिश में जुटा है.

उत्तराखंड में तीन शवों की हुई पहचान

उधर, यहां बादल फटने की वजह से मृत लोगों में तीन की पहचान हो गई है. ये उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के रहने वाले थे. हादसे से ठीक पहले इन्होंने वीडियो कॉल पर अपने घर वालों से बातचीत की थी. इनमें से एक युवक शुभम की शादी इसी साल नवंबर महीने में होनी थी. रविवार की शाम को उसका शव घर पहुंचा तो कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी पहुंच कर परिजनों को ढांढ़स बंधाया. सहारनपुर के वेद विहार कालोनी निवासी 24 वर्षीय शुभम अपने दो साथियों अरविंद और सूरज के साथ 30 जुलाई को कांवड़ लेने नीलकंठ गया था. नीलकंठ पहुंचने के बाद उनका मूड केदारनाथ जाने का हुआ जहां ये लोग हादसे के शिकार हो गए.

हिमाचल में अब तक छह की मौत

उधर, हिमाचल प्रदेश में रामपुर के समेज में बादल फटने की वजह से छह लोगों की मौत हो गई है. यहां पर राहत कार्य के लिए सेना बुलाई गई है. बादल फटने से आई बढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना अस्थाई ब्रिज बनाने की कोशिश कर रही है. कमांडेंट होमगार्ड आरपी नेप्टा ने बताया लगातार चौथे दिन राहत कार्य जारी है. NDRF, CISF के अलावा सेना के जवान स्थाई पुल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 3 शव बरामद हुए हैं, हालांकि इनकी पहचान नहीं हो सकी है. इसी प्रकार यहां 36 लोगों के लापता होने की सूचना है. इस घटना के चलते राज्य में 114 सड़कें बंद हैं.

केरल में लैंड स्लाइड

केरल में वॉयनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों में छह दिन बाद भी बचाव कार्य जारी है. खासतौर पर चूरलमाला क्षेत्र में ड्रोन की मदद से लापता लोगों की तलाश कराई जा रही है. वायनाड की जिला कलेक्टर मेघाश्री डीआर ने बताया कि समय बीतने के साथ ही बचाव अभियान युद्धस्तर पर शुरू किया गया है. इसके लिए 1300 से अधिक सैन्य टुकड़ियों को अलग अलग सेक्टरों और क्षेत्रों में तैनात किया गया है. उनके अलावा स्थानीय वालंटियर्स की भी मदद ली जा रही है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.