मध्य प्रदेश कांग्रेस के सामने मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को जहां इंदौर लोकसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अचानक अपना नामांकन वापस लेकर बीजेपी ज्वाइन कांग्रेस सदमे में डाल दिया, तो वहीं मंगलवार को कांग्रेस के 6 बार के विधायक और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रामनिवास रावत बीजेपी ज्वाइन कर एक और बड़ा झटका देने जा रहे हैं। रामनिवास रावत के बीजेपी ज्वाइन करने की खबर को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कंफर्म किया है। वीडी शर्मा ने बताया कि मंगलवार को शिवपुरी जिले के विजयपुर में होने वाली मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की सभा में कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत बीजेपी की सदस्यता लेंगे।
एमपी कांग्रेस के बडे नेता 6 बार के विधायक और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हैं रामनिवास रावत
विधायक रामनिवास रावत मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े और कद्दावर नेता माने जाते हैं। रामनिवास रावत श्योपुर के विजयपुर से 6वीं बार विधायक बने हैं। इसके पहले रावत मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं और कांग्रेस के बड़े ओबीसी नेता भी माने जाते हैं। प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में रावत की गिनती होती है, लेकिन रावत पिछले कुछ समय से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे और यही कारण है कि अब उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने का पूरा मन बना लिया है।
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराज है रावत राहुल गांधी ने भी की थी मनाने की कोशिश
खबरों के मुताबिक रामनिवास रावत कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। दरअसल रामनिवास रावत मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन इस सीट से कांग्रेस ने सत्यपाल सिंह (नीटू) सिकरवार को टिकट दे दिया। जिसके चलते रामनिवास रावत कांग्रेस आला कमान से नाराज हो गए। रामनिवास रावत की नाराजगी के बाद यह भी खबरें आ रही थी कि 25 अप्रैल को मुरैना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में रावत बीजेपी ज्वाइन करने वाले थे लेकिन इस बीच प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की। यहां तक कि राहुल गांधी ने भी रावत से करीब 10 मिनट तक फोन पर चर्चा की। जिसके बाद यह कहा गया कि रावत मान गए हैं और अब वह कांग्रेस में ही रहेंगे। लेकिन अब ये साफ हो गया है कि रामनिवास रावत की नाराजगी बरकरार है और मंगलवार को वह मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दमन थाम लेंगे।
रामनिवास रावत के कांग्रेस छोड़ने पर बढ़ेंगी प्रदेश कांग्रेस की मुश्किलें, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के नेतृत्व पर भी बड़ा सवाल
रामनिवास रावत के कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने से प्रदेश कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ना तय हैं। क्योंकि रावत कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी जीत कर विधानसभा पहुंचे थे, साथ ही रावत कांग्रेस के ओबीसी वर्ग के भी एक बड़े नेता माने जाते हैं। साथ ही साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से रावत की करीबी छुपी नहीं है। हालांकि राहुल गांधी से फोन पर चर्चा के बाद यह कहा जा रहा था कि रावत अब मान चुके हैं और कांग्रेस में ही रहेंगे। इसके बाद राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह की सभा में भी रावत पहुंचे थे और इस सभा में दिग्विजय सिंह ने भी रावत के कांग्रेस में ही रहने की पुष्टि की थी। लेकिन अब जब रावत ने कांग्रेस छोड़ने का मन बना ही लिया है, इससे पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के नेतृत्व पर भी बड़े सवाल खड़े होंगे। पहले ही काफी मुश्किलें झेल रहे जीतू पटवारी के सामने रामनिवास रावत को कांग्रेस छोड़ने से रोकने की एक बड़ी चुनौती थी, जिसमें पटवारी नाकामयाब साबित होते दिखाई दे रहे हैं।
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