‘जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय में है, मैं बेजुबानों की आवाज बनने आई हूं’, राजौरी में बोलीं महबूबा मुफ्ती
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में अपने रोड शो के दौरान स्थानीय लोगों से उनकी पार्टी के लिए वोट करने का आह्वान किया और कहा कि वह बेजुबान लोगों की आवाज बनकर आई हैं. अपनी कार में खड़े होकर और माइक पकड़कर महबूबा मुफ्ती ने लोगों से अपील की, “मैं आप सभी से अनुरोध करना चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय में है. बताना जरूरी नहीं है, क्योंकि हर किसी के मन में डर रहता है कि पता नहीं किसी ने कुछ कह दिया तो क्या होगा? इसीलिए मैं यहां बेजुबानों की आवाज बनने आई हूं.’
दिसंबर 2023 की टोपी पीर घटना को याद करते हुए, जिसमें पाक समर्थित आतंकवादी हमले में 5 जवानों की जान चली गई और सुरक्षाकर्मियों द्वारा पूछताछ के लिए 15 ग्रामीणों को हिरासत में लेने के बाद गांव में सेना की हिरासत में 3 लोगों की कथित तौर पर मौत हो गई थी. महबूबा ने कहा, ‘हम जानते हैं कि टोपी पीर में क्या हुआ था? जहां न तो कोई हाल ही में जा सकता है और न ही कोई बात कर सकता है.”
जम्मू-कश्मीर में बहुत कठिन माहौल
सोमवार को शाहधारा शरीफ टारगेट किलिंग के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “राजौरी आतंकी हमले के बाद पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. 2019 के बाद, जम्मू-कश्मीर में यह बहुत कठिन माहौल है, क्योंकि हमारी पहचान को मिटाने की कोशिश की जा रही है.”
जम्मू-कश्मीर में सरकारी जमीन को जमीन कब्जाने वालों से वापस लेने और इसे सार्वजनिक उपयोग के लिए इस्तेमाल करने के लिए पिछले साल शुरू किए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान पर निशाना साधते हुए महबूबा ने कहा, “हमें हमारी जमीनों और जंगलों से दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. हमसे जमीन के रिकॉर्ड दिखाने को कहा जा रहा है. हमारे द्वारा उत्पादित बिजली हमें ऊंची दरों पर मिल रही है और पूरे देश में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां लोगों को मुफ्त में बिजली उपलब्ध करायी जा रही है.”
महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर की पहचान और संसाधनों की रक्षा के लिए उन्हें वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के जनविरोधी फैसले के कारण 5 अगस्त, 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति खराब हो गई है, और अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र के लोगों से उन्हें वोट देने के लिए समर्थन मांगा ताकि जम्मू-कश्मीर की पहचान और संसाधन सुरक्षित बनी रहें.
उन्होंने कहा कि मौजूदा चुनाव एनसी और पीडीपी के बीच की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह एक साहसी आवाज का समर्थन करने और उसे नई दिल्ली की संसद तक ले जाने की हमारी सामूहिक लड़ाई है. उन्होंने यह भी कहा कि 05 अगस्त, 2019 को लिए गए फैसले जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए “अस्वीकार्य” हैं और इस घोषणा ने क्षेत्र में और अलगाव का मार्ग प्रशस्त कर दिया है
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.