मियां-मियां मत बोलो…मुस्लिम नहीं होंगे तो तीन दिन नहीं मिलेगा खाना, बदरुद्दीन का सरमा को जवाब

लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) चीफ बदरुद्दीन अजमल ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर पलटवार किया है. सीएम सरमा के तीन दिन के भीतर गुवाहाटी छोड़ने वाले बयान का जवाब देते हुए अजमल ने कहा कि सरकार मुसलमानों को गुवाहाटी से 300 साल में भी नहीं निकाल सकती. अजमल ने कहा कि मियां-मियां मत बोलो…आप मुसलमानों को न तीन साल में और 300 साल में बाहर कर पाएंगे.

मुस्लिम नहीं होंगे तो तीन दिन नहीं मिलेगा खाना

बता दें कि अजमल ने सरमा के ‘मियां’ और तीन दिन के भीतर गुवाहाटी छोड़ने वाले बयान पर ये टिप्पणी की है. अजमल ने कहा, ‘मियां-मियां मत बोलो. मैं आपको चैलेंज करता हूं. अगर मुसलमान नहीं होंगे तो आपको तीन दिन तक खाना नहीं मिलेगा, निर्माण कार्य रुक जाएंगे. AIUDF चीफ ने आगे कहा कि उन्होंने (सीएम सरमा) मुसलमानों को तीन दिन के भीतर गुवाहाटी छोड़ने की बात कही. लेकिन आप मुसलमानों को बाहर नहीं कर पाओगे न 3 साल में, न 300 साल में.’

मैं जो कहूंगा, वही होगा- CM सरमा

इससे पहले सीएम सरमा ने बदरुद्दीन अजमल पर हमला बोला था. असम के लखीमपुर में सीएम सरमा ने कहा था कि बदरुद्दीन अजमल जादुई उपचार करते हैं. अगर वो ऐसा करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. मैं जो कहूंगा, वही होगा. दरअसल, असम विधानसभा ने राज्य में जादुई उपचार पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पारित किया है. सीएम सरमा ने कहा कि विधानसभा ने उपचार पद्धतियों को बंद कर दिया है. आप हमारी बातों को सुने या न सुने लेकिन विधानसभा की बातों को सुनना होगा.

विधानसभा में विधेयक पारित

बता दें कि असम सरकार ने हाल ही में विधानसभा के बजट सत्र में एक विधेयक पारित किया है. इस विधेयक में कहा गया है कि चिकित्सा के नाम पर जादुई उपचार को गैरकानूनी घोषित किया जाएगा. जादुई उपचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस विधेयक का मकसद बहरापन, अंधापन, शारीरिक विकृति, ऑटिज्म आदि जैसे बीमारियों की जादुई उपचार की प्रथाओं को समाप्त करना है.

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