करवा चौथ की पूजा करते समय इन नियमों का करें पालन, सुखमय बना रहेगा वैवाहिक जीवन

इंदौर। करवा चौथ के त्योहार का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। इस शुभ दिन को “करक चतुर्थी” के नाम से भी जाना जाता है। इस बार करवा चौथ 1 नवंबर को है। करवा चौथ के दौरान, विवाहित महिलाएं अपने पतियों की सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। साथ ही यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए भी रखा जाता है। करवा चौथ में भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करने की परंपरा है। वहीं, चांद देखने के बाद इस व्रत को खोला जाता है। व्रत रखने के साथ-साथ पूजा के भी कई नियम बताए गए हैं, जिनका सभी को ध्यान रखना चाहिए।

करवा चौथ व्रत नियम

  • करवा चौथ के दिन महिलाओं को लाल रंग पहनना चाहिए, क्योंकि यह शुभ माना जाता है। जबकि अन्य रंग हैं, जिनका उपयोग किया जा सकता है, जिनमें पीला, हरा, गुलाबी और नारंगी रंग शामिल हैं, काले या सफेद रंग पहनने से बचना चाहिए।
  • सोलह श्रृंगार करना और हाथों पर मेहंदी लगाना करवा चौथ पूजा का एक और महत्वपूर्ण कार्य है। विवाहित महिलाओं को करक चतुर्थी से एक दिन पहले अपने हाथों पर मेहंदी लगानी चाहिए और पारंपरिक कपड़े, मंगलसूत्र, नाक पिन, बिंदी, चूड़ियां, झुमके, अंगूठियां पहनना चाहिए। श्रृंगार और मेहंदी सौभाग्य और वैवाहिक जीवन का प्रतीक हैं।
  • सरगी करवा चौथ व्रत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक खास व्यंजन है, जिसमें सास अपनी बहुओं खाने की चीजें सरगी के रूप में देती हैं। व्रत शुरू करने से पहले नाश्ते में सरगी का सेवन करना चाहिए।
  • नाश्ते में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए। इन्हें पचने में अधिक समय लगता है और आपका पेट लंबे समय तक भरा रहेगा।
  • व्रत शुरू करने से पहले खूब सारा पानी पिएं। क्योंकि पानी के बिना सिरदर्द और थकान का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, एसिडिटी से बचने के लिए कॉफी या चाय न पिएं।
  • करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को कैंची, सुई या चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को करवा चौथ का व्रत रखने से बचना चाहिए क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है।
  • इस दिन विवाहित महिलाओं और उनके परिवार को तामसिक भोजन खाने से बचना चाहिए।
  • विवाहित महिलाओं को करवा चौथ पूजा में भाग लेना चाहिए और व्रत खोलने से पहले शाम को कथा सुननी चाहिए। इसके बिना निर्जला व्रत अधूरा माना जाता है।

डिसक्लेमर

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