बदायूं: बदायूं सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट ने राज्यपाल के नाम समन जारी कर कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी कर दिया।इसके बाद राज्यपाल की ओर से चेतावनी जारी की गई है। समन राजभवन पहुंचा तो राज्यपाल सचिवालय ने डीएम को पत्र भेजकर इसे घोर आपत्तिजनक मानते हुए संबंधित को चेतावनी देते हुए नियमानुसार कार्रवाई के आदेश दिए।
इस मामले में डीएम ने एसडीएम न्यायिक को चेतावनी दी है। लोड़ा बहेड़ी गांव के चंद्रहास ने सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक विनीत कुमार की कोर्ट में विपक्षी पक्षकार के रूप में लेखराज, पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारी व राज्यपाल को पक्षकार बनाते हुए वाद दायर किया था। याचिका के मुताबिक वादी चंद्रहास की चाची कटोरी देवी की जमीन उनके एक रिश्तेदार ने अपने नाम दर्ज करा ली और लेखराज नामक व्यक्ति को बेच दी। कुछ दिन बाद उक्त जमीन में से एक बीघा का अधिग्रहण बदायूं में बाईपास निकालने के कारण शासन द्वारा किया गया।
लेखराज को शासन से 15 लाख रुपए की धनराशि मिली। चंद्रहास ने याचिका दायर कर जमीन में अपना नाम दर्ज कराने की मांग की। इसके बाद एसडीएम न्यायिक कोर्ट ने 18 अक्तूबर को राज्यपाल को हाजिर होकर पक्ष रखने का समन जारी कर दिया।
संविधान ने देश के राष्ट्रपति और राज्यपाल को दे रखी विशेष छूट
जानने योग्य है कि संविधान ने देश के राष्ट्रपति और राज्यपाल को विशेष छूट दे रखी है। इन पदों पर विराजमान व्यक्तियों के खिलाफ कार्यकाल के दौरान किसी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती है। संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत उन्हें छूट प्राप्त है। उन्हें न तो हिरासत में लिया जा सकता है और न ही गिरफ्तार किया जा सकता है। यहां तक की देश की कोई अदालत भी उनके खिलाफ कोई आदेश जारी नहीं कर सकती।
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