इंदौर। सनातन धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें करवा चौथ, छठ, दिवाली, भाई दूज, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह शामिल हैं। करवा चौथ कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को रख सकती हैं। इस व्रत के पुण्य से विवाहित महिलाओं को अखंड वैवाहिक सुख का वरदान मिलता है। इस वर्ष 31 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। इस कारण व्रती महिलाएं करवा चौथ की तिथि को लेकर असमंजस में हैं। आइए, हम आपको करवा चौथ की सही तिथि और पूजा का शुभ समय बताते हैं।
करवा चौथ शुभ मुहूर्त
पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9.30 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 1 नवंबर को रात 9.19 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। तिथि की गणना सूर्योदय के बाद ही की जाती है। इसलिए उदया तिथि में व्रत करने की सलाह दी जाती है। 1 नवंबर को व्रत रखना फलदायी रहेगा।
करवा चौथ व्रत समय
धर्म शास्त्रों में करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखने का प्रावधान है। व्रती महिलाएं इस दिन बिना जल के व्रत रखते हैं। इस साल करवा चौथ के व्रत का समय सुबह 06:33 बजे से शाम 08:15 बजे तक है।
करवा चौथ पूजा समय
करवा चौथ के दिन महिलाएं दिन में व्रत रखती हैं और रात में पूजा करती हैं। इस साल पूजा का सही समय शाम 5.36 बजे से 6.54 बजे तक है। इस दौरान व्रत करने वाले लोग करवा माता की पूजा कर सकते हैं। इस दिन चंद्र दर्शन का समय रात 08 बजकर 15 मिनट से है। व्रत करने वाला व्यक्ति रात 8 बजकर 15 मिनट पर चंद्रमा को देखकर व्रत खोल सकता है।
डिसक्लेमर
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