बुरहानुपर के कई गांवों में डेंगू की दहशत, अस्‍तपाल में मरीजों की भरमार

बुरहानपुर। सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के गांव बोहरड़ा से शुरू हुआ डेंगू का आतंक जिले के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों तक पहुंच गया है। गुरुवार को निंबोला गांव के एक युवक की डेंगू से संदिग्ध मौत का मामला सामने आने के दूसरे दिन फोपनार, बिरोदा, शाहपुर, सीवल और लालबाग क्षेत्र से भी संदिग्ध मरीज सामने आए हैं। फोपनार गांव के तो 27 लोग शिकारपुरा क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। ये सभी लोग रैपिड जांच में डेंगू पाजिटिव पाए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन अब इनके एलाइजा टेस्ट के लिए सैंपल जिला अस्पताल भेजने की तैयारी कर रहा है। इसी तरह अन्य गांवों से भी बुखार के मरीज सामने आए हैं। इनमें से कुछ जिला अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोग निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।

लोगों को दे रहे समझाइश

जिला महामारी नियंत्रक रवींद्र राजपूत ने बताया कि सूचना मिलते ही सभी गांवों में टीमें भेज दी गई हैं। इन टीमों में एक डाक्टर, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि शामिल हैं। टीमें गांव के एक-एक घर में पहुंच कर लार्वा की जांच कर रही हैं। लार्वा पाए जाने पर उसे नष्ट करा दवा का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही प्रत्येक घर में फीवर सर्वे कर बुखार से पीड़ित लोगों की स्लाइड बनवाई जा रही है। ज्यादा गंभीर रोगियों को जिला अस्पताल भी लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घरों के कबाड़ व अन्य पात्रों में लंबे समय तक पानी भरे रहने के कारण डेंगू के मच्छर पनपते हैं। इसे लेकर ग्रामीणों को समझाइश भी दी जा रही है।

लिंगा और झिरी में भी जांच शुरू

शुक्रवार दोपहर ग्राम लिंगा व झिरी सहित आसपास के अन्य गांवों में भी लोगों के बुखार से पीड़ित होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने वहां भी जांच शुरू करा दी है। हालांकि देर शाम तक किसी मरीज में डेंगू के लक्षण मिलने की बात सामने नहीं आई थी। लगातार बढ़ रहे डेंगू के मरीजों को देखते हुए लालबाग सामुदायिक स्वासथ्य केंद्र में जिला मलेरिया अधिकारी डा. सुनील राेमड़े, महामारी नियंत्रक रवींद्र राजपूत, विजय सोनी आदि ने आशा व सुपरवाइजरों की बैठक ली। उन्हें डेंगू की रोकथाम के लिए क्षेत्र में उपाय करने और तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं।

निंबोला के बाद शाहपुर, फोपनार, सीवल सहित अन्य गांवों में बुखार के मरीज होने की सूचना मिली है। सभी जगह टीमें भेज कर सर्वे कराया जा रहा है। लार्वा भी नष्ट कराया जा रहा है। ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।

– रवींद्र राजपूत, जिला महामारी नियंत्रक।

डेंगू होने पर तेज बुखार के साथ सिर, आंखों व हाथ-पैर में दर्द की शिकार होती है। मरीज को कमजोरी महसूस होती है। कई बार प्लेटलेट्स भी कम हो जाती हैं। ये लक्षण होने पर तुरंत जांच कराएं और डाक्टर से परामर्श लें। घर व आसपास लंबे समय तक पानी जमा नहीं होने दें। मच्छरों से बचाव के उपाय कर डेंगू से बचा जा सकता है।

– डा. देवेंद्र कनासिया, एमडी मेडिसिन।

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