मुरैना। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के पिपरसा गांव से सात दिन पहले लापता हुई 16 साल की नाबालिग का कंकाल घर से 400 मीटर दूर बाजरा के खेत में बिखरा मिला। खेत में करीब 10 जगह हडि्डयां बिखरी मिलीं।
स्वजनों ने ऐसे की पहचान
इस हादसे में ग्रामीणों से लेकर जांच करने पहुंची पुलिस टीम तक को झकझोर दिया। मृतका के कपड़े, चप्पल और लोटा से स्वजनों ने पहचान की।
चार दिन पहले मिला था युवक का शव
जिस खेत में नाबालिग का कंकाल मिला है, उसी के पास चार दिन पहले एक युवक का शव मिला था। मृतक युवक व मृतका नाबालिग का प्रेम प्रसंग था और प्रेमी ने पहले नाबालिग प्रेमिका को मारा, फिर पकड़े जाने के डर से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली।
लौटकर नहीं आई किशोरी
पिपरसा गांव की 16 साल की किशोरी 18 सितंबर को शौच करने के लिए खेताें की तरफ गई थी, लेकिन लौटकर नहीं आई। दूसरे दिन 19 सितंबर को स्वजन की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में किशोरी के अपहरण का केस दर्ज हुआ था।
स्वजनों ने जताई थी हत्या की आशंका
नाबालिग की तलाश में पुलिस और स्वजन जुटे हुए थे। स्वजनों ने नाबालिग की हत्या की आशंका भी जताई थी।सोमवार की अल सुबह पुलिस को सूचना मिली, कि पिपरसा गांव के सोनेराम बघेल के बाजरा के खेत में हड्डियां डली हुई हैं।
कहीं खोपड़ी, कहीं बाल मिले
सूचना पर पुलिस टीम व फोरेंसिक एक्सपर्ट मौके पर पहुंचे। खेत में खड़े छह से सात फीट लंबी बाजरा की फसल के बीच कंकाल की तलाश शुरू की, जिसमें कहीं खोपड़ी, कहीं बाल, कहीं रीढ़ की हड्डी तो कहीं हाथ-पैरों की हड्डियां बिखरी मिलीं।हड्डियों पर मांस का नामोनिशान नहीं था, बीहड़ों में रहने वाले मांसाहारी जानवराें ने शव की यह दुर्गति की है। खेत में ही एक लोटा, चप्पल जोड़ी, सलवार, दुपट्टा व अन्य कपड़े मिले, जिससे मृतका की पहचान उसके स्वजनों ने की। कंकाल की डीएनए जांच के सेंपल लिए गए और पोस्टमार्टम के लिए ग्वालियर मेडिकल कालेज भेजा गया है, जिससे मौत के सही कारण सामने आ सकें।
दुष्कर्म के बाद हत्या का संदेह
मृतका नाबालिग का पड़ोसी विण्डवा क्वारी गांव के हरेंद्र उर्फ पप्पन पुत्र परमाल गुर्जर से प्रेम प्रसंग था। इसकी पुष्टि पुलिस की जांच में भी हुई है। मृतका के मोबाइल में जो सिम थी वह भी पप्पन के नाम से रजिस्टर्ड थी। जिस खेत में नाबालिग का कंकाल मिला है, उससे कुछ दूर 22 सितंबर को पप्पन का शव मिला था।
युवक ने बुलाया था मिलने
पुलिस की अब तक पूछताछ और जांच में सामने आ रहा है, कि मृतक पप्पन ने 18 सितंबर की शाम 5 बजे के करीब नाबालिग को मिलने बुलाया, जहां उसने नाबालिग से जबरदस्ती की है। नाबालिग द्वारा घरवालों को बताने के डर से पप्पन ने उसकी हत्या कर दी।हालांकि नाबालिग के स्वजनों का आरोप है, कि उनकी बेटी की हत्या में पप्पन गुर्जर के अलावा रामखिलाड़ी गुर्जर, मलखान गुर्जर और मनोज गुर्जर भी शामिल हैं, जो घटना के बाद से फरार हैं।
जिस दिन पुलिस ने दबिश दी, उसी दिन पप्पन का शव मिला
18 सितंबर को लापता हुई नाबालिग के स्वजनों ने विण्डवा क्वारी गांव के पप्पन पुत्र परमाल गुर्जर पर अपहरण के आरोप लगाए थे।मृतका के फोन की काल डिटेल में भी पप्पन से ही सबसे ज्यादा बात करने की पुष्टि हुई। इसी के साथ नाबालिग के स्वजनाें ने संभावना जताई, कि उनकी बेटी की हत्या कर दी गई है। पुलिस को भी जंच में जब हत्या जैसी बात का संदेह होने लगा, तो 22 सितंबर की सुबह पप्पन को पकड़ने के लिए उसके घर पर दबिश दी थी। पुलिस टीम को घर पर पप्पन नहीं मिला।
इसके कुछ घंटे बाद ही पप्पन का शव गांव के बाहर मिला। पप्पन के सीने में गोली लगी थी।मृतक पप्पन के छोटे भाई सुनील ने चार अज्ञातों पर हत्या का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो सामने आया, कि पप्पन ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है, क्योंकि पप्पन अच्छी तरह समझ चुका था, कि नाबालिग की हत्या में पुलिस उस तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा पप्पन को समाज में बदनामी का भी डर था, क्याेंकि उसके दो बड़े भाई भी लगभग तीन महीने से नाबालिग से गैंगरेप के आरोप में जेल में बंद हैं।
इनका कहना है
नाबालिग का कंकाल बाजरा के खेत में मिला है। अभी तक की जांच में यही सामने आया है, कि पप्पन ने ही नाबालिग की हत्या की और जब उसे पकड़े जाने का डर लगने लगा तो खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। कंकाल के टुकड़ों को जांच के लिए मेडिकल कालेज ग्वालियर भेजा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के सही कारण सामने आएंगे।
वीरेश सिंह कुशवाह, टीआइ, सिविल लाइन
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