ग्वालियर: भगवान शिव का प्रिय महिना श्रावण मास चल रहा है। इस बार सावन में आठ सोमवार है। चार सोमवार सावन मास के और चार अधिक मास के, जिनमें से 2 सोमवार बीत चुके हैं और 6 बाकी है। आगामी 24 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है और अधिक मास का पहला सोमवार है। इस दिन जो लोग भगवान भोलेनाथ का रुद्राअभिषेक करना चाहते हैं, उनके लिए शुभ समय होगा, क्योंकि इस दिन शिव का वास प्रियगण नंदी के साथ है।
ज्योतिषाचार्य डा. सतीश सोनी के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार पर श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। यह तिथि दोपहर 1:41 तक है। वहीं इस दिन रवि योग, शिव योग और सिद्धि योग भी रहेगा। रवि योग सुबह 5:38 से प्रारंभ होकर रात 10:12 तक रहेगा। वही शिवयोग प्रातः काल से दोपहर 2:52 तक तथा सिद्धि योग दोपहर 2:52 से पूरी रात रहेगा। हस्त नक्षत्र रात 10:12 तक उसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। शुभ योग और नक्षत्रों में भगवान भोलेनाथ की पूजा अमृत काल के समान होगी, साथ ही शिव पूजा से कुंडली में बन रहे अशुभ दुर्योग का नाश भी होगा।
कौन से अशुभ योग होंगे दूर
– केमद्रुम योग, यह योग चंद्रमा से बनने वाला सबसे भयंकर अशुभ योग होता है। जब चंद्रमा के दोनों तरफ कोई ग्रह ना हो और उस पर किसी ग्रह की दृष्टि ना हो तो केमद्रुम योग बनता है।
– उपाय, भगवान भोलेनाथ का दुग्ध से अभिषेक करवाएं तथा शिव सहस्त्रनाम का पाठ करें
– विषयोग शनि चंद्रमा या शनि राहु के संबंध से यह योग बनता है।
– उपाय, रूद्राष्टक का पाठ करें, शिव जी को भांग धतूरा अर्पित करें।
– ग्रहण योग, सूर्य या चंद्रमा से राहु के संयोग से ग्रहण योग बनता है।
– उपाय, शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ कर जल से अभिषेक करें।
– राहु केतु की खराब स्थिति कुंडली को प्रभावित करती है, इसे कालसर्प योग और पितृदोष भी कहते हैं।
– उपाय, कच्चे दूध में दूर्वा डालकर शिवा अभिषेक करें, नागिनी द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करें, तांबे के नाग नागिन के जोड़े शिवजी को अर्पित करें।
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