अधिक मास में भगवान शिव और विष्णु दोनों की मिलेगी कृपा इस विधि से करें पूजन

 हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल श्रावण मास के साथ अधिक मास भी चल रहा है। ये अधिक मास 16 अगस्त तक चलेगा। अधिक मास को मलमास याा पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। इस अवधि में किसी भी तरह के शुभ एवं मांगलिक कार्य, जैसे – शादी-ब्याह, मुंडन, उपनयन संस्कार, यज्ञ आदि कार्य नहीं किये जाते। लेकिन इस महीने में भगवान विष्णु और शिव दोनों का आशीर्वाद मिल सकता है। दरअसल शास्त्रों के अनुसार, अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं और सावन माह के स्वामी भगवान शिव हैं। ऐसे में इस महीने में पूजन से भगवान विष्णु और शिव दोनों की कृपा मिल सकती है।

सावन में पूजन का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, सावन माह में देवों के देव महादेव की पूजा का बड़ा महत्व होता है। वहीं, अधिकमास में भगवान विष्णु की पूजा का महत्व होता है। इस बार सावन महीने में ही अधिकमास का भी संयोग बना है, इसलिए इन दोनों देवों की पूजा करनी चाहिए। सनातन परंंपरा के अनुसार, जगत के पालनहार भगवान विष्णु को दुनिया का पालक माना गया है, जो सभी लोगों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। वहीं भोलेनाथ अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।

कैसे करें पूजन?

माना जाता है कि अधिकमास में किए गए पूजा पाठ के कामों का किसी भी अन्य समय की गई पूजा का 10 गुना ज्यादा फल मिलता है। सावन के महीने में शिव का रोजाना पूजन अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही अधिक मास में पूूरे महीने भगवान शालिग्राम की मूर्ति के पास घी का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु को दीपदान और ध्वजा दान भी करें। इस मास में भगवान विष्णु के नरसिंह रूप की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस माह में जो भी भगवान नरसिंह की पूजा करता है, उसके पास दरिद्रता कभी नहीं फटकती। इस मास में गायों को भी हरा चारा खिलाना चाहिए।

डिसक्लेमर

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