इंदौर। लोग सायबर अपराध का शिकार नहीं हों इसलिए शहर में साइबर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डा. वरूण कपूर द्वारा एक विद्यालय में कार्यशाला आयोजित की गई। स्कूली विद्यार्थियों के लिए आयोजित हुई इस कार्यशाला में विद्यार्थियों और शिक्षकों ने भाग लिया।
डा. वरूण कपूर ने सायबर अपराध बढ़ने के कारणों व उससे बचने के उपायों तथा बुलिंग, फिशिंग, स्टाकिंग, ग्रुमिंग के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंटरनेट के माध्यम से तमाम कार्य जैसे पढ़ाई, खरीदारी, इंटरनेट मीडिया पर होने वाली पहचान, कार्यालयीन कार्य आदि करते समय सजग रहना चाहिए। सायबर अपराध ऐसा अपराध है जिसमें आपके पांच रुपये से लेकर जान भी जा सकती है।
आपराधिक तत्व आपका व्यक्तिगत डाटा चुराकर मानसिक एवं शारीरिक चोट पहुंचा रहे हैं। इन अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है। सायबर अपराधों से बचने के लिए सायबर स्पेस का उपयोग करते समय आपका सतर्कतापूर्ण व्यवहार व सुरक्षा उपायों का पालन करना आवश्यक है। सतर्कता ही आपको सायबर अपराध से बचा सकती है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले उसकी जांच पड़ताल करें। आपकी छोटी से गलती आपके लिए बड़ी समस्या का सबब बन सकती है, इसलिए जानकार ही नहीं जागरूक भी बनें।
उन्होंने सोशल नेटवर्किंग व कम्प्युनिकेशन में अंतर बताते हुए बताया कि कितनी जानकारी कब, कैसे और कहां साझा करना है यह जानना जरूरी है। जानकारी साझा करने, पोस्ट को लाइक, शेयर व फारवर्ड करते वक्त भी सचेत रहें। आनलाइन गेम से भी हमें बचना चाहिए। बच्चों के साथ बुलिंग एवं ग्रुमिंग की घटनाएं ज्यादा घटित होती है। फिशिंग के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की जानकारी निकाल ली जाती है।
फर्जी वेबसाइट बनाकर या ईमेल भेजकर निजी जानकारी चुराई जाती है, इसलिए अनजान लिंक को क्लिक न करें और ना ही अनजान स्त्रोत से एप, गेम डाउनलोड या इंस्टाल करें। सार्वजनिक स्थलों पर वायफाय हाटस्पाट का उपयोग नहीं करें। अपनी वित्तीय तथा क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी को न दें। कार्यशाला में राजेश मित्तल, इंद्रा मित्तल, रूनझुन गोयल, रौनक मित्तल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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