ग्वालियर। हाल ही में हुए पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर ग्वालियर जिला एनएसयूआई के कार्यकर्ता आज जोरदार प्रदर्शन की तैयारी में हैं। एनएसयूआई के छात्र नेता वंश महेश्वरी और पारस यादव की माने तो पटवारी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर वह प्रदेश शासन और कर्मचारी चयन मंडल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसके साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों पर उचित कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। बता दें इससे पहले भी एनएसयूआई भाजपा नेताओं का पुतला डीडी मॉल के बाहर जला चुके हैं।
यह था मामला
बीते दिनों मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ, जिसमें टापर 10 छात्रों में से सात अभ्यार्थी ग्वालियर के हैं। साथ ही सभी छात्रों का परीक्षा केंद्र भी ग्वालियर का एनआरआइ कालेज ही था, जिसको लेकर कई छात्रों सहित कांग्रेस नेताओं ने घोटाले की आशंका जताई है। बीते मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि व्यापम का नाम बदलने से घोटाले बंद नहीं होंगे।
एक ही सेंटर से निकले कई टापर्स
बता दें कि पटवारी परीक्षा के परिणामों में एक ही सेंटर से बहुत से टापर्स निकले थे, इस पर ही प्रश्नचिह्न खड़े किए जा रहे हैं। इस मामले में घोटाले की आशंका जताते हुए उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वहीं, एनआरआइ कालेज के डायरेक्टर ने पूछने पर सभी आरोपों को खारिज कर दिया। बता दें कि यह कालेज भिंड के भाजपा विधायक संजीव कुशवाह का है।
हिंदी में हस्ताक्षर, अंग्रेजी में आए ज्यादा नंबर
अरुण यादव ने पटवारी परीक्षा में एक ही परीक्षा केंद्र से एक हजार से ज्यादा प्रतिभागियों के चयनित होने पर आशंका जताई है। उन्होंने इस बारे में ट्वीट कर कहा कि ग्रुप 2, सब ग्रुप 4 की मेरिट लिस्ट आई, जिसकी आशंका थी वो सच हुई, टाप 10 में से सात बच्चों का सेंटर एनआरआइ कालेज ग्वालियर है, नौ हजार चयनित अभ्यर्थियों में से लगभग एक हजार चयनित अभ्यर्थियों का सेंटर एनआरआइ कालेज था। ज्यादातर टापर्स के हस्ताक्षर हिंदी में हैं, जबकि उन्हें अंग्रेजी में 25 में 25 नंबर आए हैं।
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