सीहोर : नगर के अशासकीय सेंट एनी सीनियर सेकंडरी स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध अखिल विद्यार्थी परिषद ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। जिसमें पालकों ने भी शामिल होकर आक्रोश जताया। स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि उसने स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चों को बिना तिलक लगाए और बिना कलावा बांधे आने को कहा है। इस बात को लेकर शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के अभिभावकों ने स्कूल में प्रदर्शन किया।
स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अभाविप ने जमकर नारेबाजी करते हुए जय श्रीराम के नारे भी लगाए। इस मुद्दे पर स्कूल प्रबंधन और अभाविप कार्यकर्ता के बीच काफी देर तक बहस भी हुई, जहां थाना कोतवाली पुलिस और तहसीलदार भी पहुंचे और जांच का आश्वासन देकर करीब दो घंटे बांद मामला शांत कराया। अखिल विद्यार्थी परिषद के शुभम व्यास व छात्रों का आरोप है कि एक दिन पहले भी कई बच्चों के सिर पर लगे तिलक मिटाने के बाद ही बच्चों को क्लास में बैठने दिया गया था, तो उनके हाथ के कलावे भी खुलवा दिए थे। अभिभावक राहुल वर्मा ने बताया कि उसके दो भतीजे स्कूल में पढते हैं जिन्हें तिलक और कलाई पर कलावा पहनने से रोका गया और यह भी कहा गया कि यदि वह सिर पर तिलक लगाकर आएंगे तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाएगा और टीसी पर ऐसा लिखा जाएगा जिससे उन्हें किसी भी स्कूल में प्रवेश नहीं मिलेगा। सेंट एनी स्कूल की प्राचार्य अलका सिस्टर का कहना है कि परीक्षाएं चल रही हैं। कुछ छात्र जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। हमने कहा परीक्षाओं में यह सब नहीं करते तो बच्चों को गलतफहमी हो गई। स्कूल में गणवेश पहनकर आने को कहा गया है।
डीईओ से की शिकायत, कार्रवाई की मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के शुभम व्यास व अन्य कार्यकर्ताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी संजय सिंह तोमर को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग उठाई है, जिनका कहना है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा घृणित मानसिकता के साथ यह कृत्य लगातार छात्रों के साथ किया जा रहा है। यदि हम भारतीय संविधान के अंतर्गत भी बात करे तो किसी भी शैक्षणिक संस्थान के अंदर धर्मगत या जातिगत बाते या टिप्पणी करने का किसी को अधिकार नहीं है, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा लगातार इस प्रकार की गतिविधियों से शिक्षा के मंदिर का माहौल दूषित हो रहा है, जो अच्छा नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति स्वतंत्र है अपने धर्म का पालन करने के लिए और किसी को भी यह अधिकार नहीं है की वो उस पर दवाब बना सके।
65 प्रतिशत बढ़ाई स्कूल की फीस
अभाविप ने कहा कि सेंट एनी स्कूल द्वारा पिछले सत्र के हिसाब से इस सत्र में विद्यार्थियों का शुल्क एक दम से 65 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है, जिससे सभी छात्र और उनके अभिभावक बहुत परेशान है और यह शासकीय नियम का भी उल्लंघन है। शासकीय नियम के आधार पर कलेक्टर या जिला शिक्षा अधिकारी की अनुमति से 500 या 1000 रुपये के शुल्क की ही वर्ष भर में वृद्धि की जा सकती है, लेकिन यहां तो शासन-प्रशासन के सभी नियमों को ताक पर रख मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है, जो विद्यार्थियों के हित में नहीं है। विद्यार्थी परिषद आपसे मांग करती है की शैक्षणिक संस्थान के अंदर किसी भी छात्र को तिलक लगाने या रक्षासूत्र बांधने को लेकर मना नहीं किया जाए और जो मनमाना शुल्क छात्रों से वसूला जा रहा है वह बंद किया जाए। पिछले वर्ष के हिसाब से ही छात्रों से शुल्क लिया जाए और छात्रों के साथ घृणित मानसिकता के साथ दुर्व्यवहार करने वाले स्कूल प्रबंधन पर यथोचित कार्रवाई की जाए व हमारी दोनों मांगे तत्काल प्रभाव से पूरी की जाए। अन्यथा विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन एवं शासन-प्रशासन की रहेगी।
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