Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 की लांचिंग में मप्र के उमरिया जिले के बेटे की अहम भूमिका मिल चुके हैं कई पुरस्कार

उमरिया। चंद्रयान 3 के प्रक्षेपण के लिए बनाए गए लांच व्हीकल एलव्हीएम 3 के टीडी अनुसंधान और आज की सफलतम लांचिंग में उमरिया जिले के प्रियांशु मिश्रा की भी अहम भूमिका है। प्रियांशु मिश्रा इसरो में साइंटिस्ट एसएफ के पद पर पदस्थ हैं और उन्होंने इस पूरे अभियान में अहम भूमिका निभाई है। इस बात पर गर्वित प्रियांशु के पिता विनोद कुमार मिश्रा और माता प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है कि देश के इतने बड़े मिशन में चंदिया जैसे छोटे से कस्बे के बेटे ने अपनी अहम भूमिका निभाई है।

टीम में किया गया शामिल

चंद्रयान-2 के बाद जब चंद्रयान-3 की टीम में प्रियांशु मिश्रा को शामिल किया गया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रियांशु मिश्रा के हवाले से उनके पिता ने बताया कि प्रियांशु अपने इस मिशन को लेकर काफी उत्साहित थे और इस बार सफलता के लिए पूरे मन से जुटे हुए थे। विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि उनके पुत्र प्रियांशु मिश्रा विक्रम साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र तिरुवनंतपुरम केरल में एसएफ के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को पूरे मनोयोग से निभाया है।

हो चुके हैं सम्मानित

चंद्रयान 3 की सफल लांचिंग का हिस्सा रहे प्रियांशु मिश्रा अपने कार्यों के लिए पहले भी कई बार सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें वर्ष 2017 में यंग साइंटिस्ट मेरिट अवार्ड मिला। इसके बाद वर्ष 2022 में उन्हें एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं संस्था में उन्हें ऐसी के पद से एसएफ के पद पर पदोन्नति भी मिली। यह सारे सम्मान उनके लिए गौरव की बात है।

कई मिशन का हिस्सा बने

विनोद मिश्रा ने बताया कि उनके पुत्र प्रियांशु मिश्रा पहले भी चंद्रयान 2 मिशन लांचिंग 2019, वनवेव उपग्रह लांचिंग 2023, चंद्रयान 3 लांचिंग 2023 का हिस्सा रह चुके हैं। भविष्य के दो मिशन में भी उनका नाम प्रस्तावित है। जिसमें आदित्य मिशन और गगनयान मिशन शामिल है। उमरिया जिले के छोटे से नगर चंदिया के रहने वाले प्रियांशु मिश्रा ने भोपाल से हायर सेकेंडरी की पढ़ाई की जबकि देहरादून से बीटेक और रांची से एमटेक करने के बाद वर्ष 2009 में इसरो का हिस्सा बन गए।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.