बिलासपुर। तामसिक भोजन का प्रभाव आत्मा के संस्कार पर पडता है और कर्मभोग के रूप मे भोगने पड़ते है।परमात्मा कहते है। संगम युग के इस अंतिम जन्म मे सदा परमात्मा के साथ मिलन के झूले मे झूलने का अनुभव करने से परमात्मा के गुण एवं शक्तियां हमारे अंदर समाते जाती है और हम गुणों में परमात्मा समान बन सकते हैं। ये बातें मंजू दीदी ने कहा।
उन्होंने प्रभु दर्शन भवन टिकरापारा में जिज्ञासुओ को संबोधित करते अष्ट शक्तियों के बारे मे बताया। राजयोग से सहनशक्ति, समाने की शक्ति, निर्णयशक्ति, परखशक्ति, सहयोगशक्ति, समेटने की शक्ति, विस्तार को संकीर्ण करने इत्यादि शक्तियों का विकास होता है। सेवाकेन्द्र से जुड़े भाई बहनों के सहयोग से ही इतनी बड़ी संस्था चल रही है। यहां की विशेषता है कि दानदाता के नाम का प्रदर्शन नहीं किया जाता। परमात्मा को गरीब नवाज क्यों कहा जाता है, यहां की व्यवस्था से समझ सकते है। परमात्मा कहते है कि आत्मा को निर्लेप समझना बहुत बडी भूल है।
तैयारी में जुटे हुए हैं संस्थान के सेवाधारी
शिवानी दीदी के आगमन की तैयारी में दीदी व शहरवासियों के स्वागत की तैयारियां चल रही है। इसके लिए संस्था के सेवाधारी बहुत उमंग उत्साह से जुटे हुए हैं।
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