प्रतापपुर। आदिवासी युवक पर मोबाइल चोरी करने का आरोप लगाकर उसे एक्सीवेटर मशीन में बांधकर पीटने वाले तीन आरोपितों को प्रतापपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि इस मामले में पीड़ित या उसके स्वजन ने थाने में कोई सूचना नहीं दी थी। घटना की जानकारी प्रतापपुर थाना प्रभारी किशोर केरकेट्टा को मीडिया के माध्यम से हुई थी जिसके बाद इस मामले में उन्होंने स्वत: संज्ञान लिया था तथा घटना की तह तक पहुंचने के लिए वे पुलिस बल के साथ पीड़ित पक्ष के घर सरहरी गए थे। जहां पीड़ित युवक कलिन्दर राम साण्डिल्य उम्र 32 वर्ष ने बताया कि जब वह मायापुर से अपने गांव सरहरी लौट रहा था तभी प्रतापपुर -चंदौरा रोड के निर्माण कार्य में लगे एक्सीवेटर के आपरेटर (चालक) व उसके अन्य दो साथियों ने उसके ऊपर मोबाइल चोरी करने का आरोप लगाकर पहले तो उसे जान से मारने की धमकी व गालियां देते हुए एक्सीवेटर में बांध दिया फिर लात, घूसों व बांस के डंडे से उसकी जमकर पिटाई की। इसके बाद जब उसके स्वजन घटनास्थल पर पहुंचे तब जाकर आरोपितों ने उसे छोड़ा।
पीड़ित ने बताया कि घटना के दिन वह और उसके स्वजन काफी डर गए थे इसलिए थाने में शिकायत दर्ज करने नहीं गए। पीड़ित ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके साथ की गई मारपीट से उसके माथे व पीठ में काफी चोट आई है तथा रस्सी से बंधने के कारण उसके दोनों हाथों में भी काफी तकलीफ है। मामले में प्रतापपुर पुलिस ने तीनों आरोपित अभिषेक पटेल पिता विजय पटेल 21 ग्राम बिरहोली थाना रिखी जिला कटनी, कृष्ण कुमार पटेल पिता दामोदर पटेल 20 ग्राम बड़ागांव चौकी गेलहरी थाना कोठला जिला कटनी, सोनू राठौर पिता मोतीलाल 19 ग्राम चांदपुर थाना जैतहरी जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश को दबिश देकर पकड़ा और थाने ले आए। पूछताछ में आरोपितों ने घटना को अंजाम देना स्वीकार किया जिसके बाद पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त डंडा व रस्सी जब्त कर तीनों के विरुद्ध धारा 341, 294, 506, 323, 34, 3-1 (आरएस) 3-2 (व्ही) (क) एससीएसटी के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में प्रतापपुर थाना प्रभारी किशोर केरकेट्टा व उनकी टीम की सक्रिय भूमिका रही।
झूठी साबित हुई पेशाब करने की बात-
आदिवासी युवक से मारपीट करने के मामले की खबर नईदुनिया ने पूरी प्रमुखता से प्रकाशित की थी जिसमें केवल नईदुनिया ने ही समाचार के माध्यम से बताया था कि आदिवासी युवक के ऊपर मोबाइल चोरी करने का आरोप लगाकर मारपीट की गई थी। यही बात पीड़ित व आरोपितों ने भी अपने बयान में स्वीकार की है। इस बीच कुछ लोगों के द्वारा यह भी अफवाह उड़ाई जा रही थी कि मारपीट के दौरान आदिवासी युवक के ऊपर आरोपितों ने पेशाब भी किया था पर यह बात पूरी तरह से झूठी साबित हुई है। पीड़ित ने खुद इस बात से इंकार किया है तथा पुलिस की जांच में इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है।
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