रायपुर । विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ भाजपा के किसान मोर्चा ने धान और किसान मोर्चे पर सक्रियता तेज कर दी है। मोर्चा ने किसानों को धान का गुणा-भाग समझाने का जिम्मा उठाया है। गांव-गांव में किसानों के साथ मोर्चा चौपाल लगा रहा है।
इसमें मोदी सरकार की ओर से किसानों के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी, किसान सम्मान निधि और छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की प्रक्रिया में केंद्र सरकार की भूमिका आदि की जानकारी दी जा रही है। प्रदेश में अब तक 1,512 में किसान चौपाल आयोजित हो चुके हैं।
प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने बताया कि जून से महासंपर्क अभियान के तहत धान खरीदी केंद्रों को इकाई मानकर खाद गोदामों,सामुदायिक भवनों या बरगद पेड़ के नीचे चौपाल लगा रहे हैं। इसमें 30 से 100 किसान शामिल हो रहे हैं। प्रदेश में धान खरीदी केंद्र 2,385 केंद्र हैं। इनमें दो हजार केंद्रों तक पहुंचने का लक्ष्य है। चौपाल लगाने से पहले कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया गया है।
चौपाल में किसानों को दे रहे ये जानकारी
केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि उपज के समर्थन मूल्य में लगातार वृद्धि की है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में 36 लाख टन चावल सेंट्रल पूल में लिया था, मगर आज कांग्रेस सरकार में भी बिना भेद-भाव के 62 लाख टन यानी 94 लाख टन धान की खरीदी केंद्र सरकार की ओर से की जा रही है। केंद्र सरकार किसानों को हर साल छह हजार रुपये सम्मान निधि देती है। इस तरह 11 बिंदुओं पर किसानों को समझाया जा रहा है।
धान और किसान का राजनीति में महत्व
प्रदेश में राजनीति के लिए धान-किसान काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि धान के मुद्दे को लेकर प्रदेश में सरकार बनती और बिगड़ती भी है। वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा ने 300 रुपये बोनस की घोषणा की थी, भाजपा की सरकार बनी मगर किसानों को यह राशि नहीं मिली। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 2,500 रुपये बोनस देने की घोषणा की थी और भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ा था।
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