भिंड। आंगनबाड़ी केंद्र का नाम सामने आते ही मन में छोटे से गंदे कमरे की तस्वीर सामने आती है, लेकिन भिंड जिले के मालनपुर स्थित सिंघवारी गांव का केंद्र इस सोच को बदल रहा है।
यहां बाहरी दीवारों पर महापुरुषों की उकेरी गई तस्वीर, बच्चों के खेलने के लिए अलग रूम में खिलौने, कार्टून और डिजिटल के माध्य में पढ़ाने के लिए लगाई 55 इंच की एलईडी टीवी भी इसे खास बनाते हैं।
बच्चों को शुद्ध पानी के लिए आरओ है तो वहीं निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वातानुकूलित कमरों के लिए एसी भी लगाने की योजना थी, हालाकि ग्रामीणों की सलाह पर एसी की जगह बड़े कूलर लगाए हैं।
यह हैं विशेषताएं
- सिंघवारी आंगनबाड़ी केंद्र पर 80 बच्चे पंजीकृत हैं। बच्चों को लेकर आने वाली मांओं को सिलाई सिखाने के लिए अलग से कक्ष बनाकर दो सिलाई मशीन रखी गई हैं। जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुषमा रजक, सहायिका रेखा जाटव प्रशिक्षण देती है।
- आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में एक किचिन गार्डन तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य यहां आने वाले बच्चों को जैविक सब्जियां से तैयार खाने के अलावा बच्चों को प्रकृति से उत्पन्न होने वाली चीजों के बारे में जानकारी देना है।
- दरअसल आंगनबाड़ी केंद्र की यह तस्वीर निजी क्षेत्र की उपक्रम टेवा कंपनी ने कारपोरेट सोशल रेस्पोंसब्लिटीज (सीएसआर) के तहत बदली है। कंपनी ने ही माडल के रूप में सर्वसुविधायुक्त भवन बनाकर इसे गोद लिया है। आने वाले समय में गोहद ब्लाक में करीब 30 आंगनबाड़ी केंद्र भी इसी माडल पर तैयार करने की योजना है।
- महिला बाल विकास विभाग द्वारा बाउंड्री कराने के साथ ही किचिन गार्डन तैयार कराया गया है व साल में दस हजार रुपये केंद्र के संधारण के दिए जाते हैं। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अब्दुल गफ्फार का कहना है कि पिछले दिनों निरीक्षण करने आए संभागायुक्त दीपक सिंह ने इसकी सराहना करते हुए आंगनबाड़ी केंद्र को माडल के रूप में अचंल के अन्य जिलों में भी तैयार करने की योजना बनाने को कहा है।
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