जशपुरनगर । राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अंर्तगत एक के 65 परिवारों को शुद्व पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 55 लाख रूपए खर्च कर दिए। इस राशि का उपयोग गांव में दो पानी टंकी का निर्माण,पाइप लाइन विस्तार और नल लगाने में किया गया। लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी ग्रामीणों की शिकायत है कि उन्हें नल से एक बूंद पानी नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं गांव के जिस बोर से पूरे बस्ती की प्यास बुझती थी उसे भी योजना के चक्कर में खराब कर दिए जाने से लोगों की मुसीबत और बढ़ गई है। पूरे गर्मी के मौसम में एक एक बूंद पानी के लिए तरसने के बाद इन दिनों भरे बरसात में पेयजल की समस्या और गहरी हो गई है।
मामला जशपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत जामटोली की है। जशपुर गुमला रोड में भलमंडा के पास स्थित इस पंचायत में 300 से अधिक परिवार निवासरत है। लेकिन यहां पेयजल की समस्या बनी रहती है। स्थानीय रहवासी सुमिल एक्का, मान सिंह ने बताया कि गांव की इस समस्या को सुलझाने के लिए बीते 10 साल में जिला प्रशासन ने तीन बार नल जल योजना के अंतर्गत पाइप लाइन बिछाकर नल लगा चुकी है। लेकिन करोड़ों रूपए खर्च किए जाने के बाद भी ग्रामीणों को यहां एक बूंद पानी नल से आज तक नहीं मिली है। इसी बस्ती के चौठन राम और शाकिर का कहना था कि पीएचई ने नल जल योजना के चक्कर में गांव के 6 दशक पुराने हैंडपंप का भी सत्यानाश कर दिया है। इस हैंडपंप में जल आपूर्ति के लिए मोटरपंप लगाने के दौरान इसके क्षतिग्रस्त हो जाने से यह बेकार हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस हैंडपंप से ही पूरी बस्ती पीने का पानी लिया करती थी। ग्रामीणों ने बताया कि पानी की इस गंभीर समस्या को लेकर वे पूर्व में भी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है। जल्द ही समस्या नहीं सुलझी तो सारे ग्रामीण एकजुट होकर कलेक्टर के पास फिर जाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
आधा बस्ती योजना की पहुंच से दूर
पचपन लाख का भारी बजट खर्च होने के बाद भी जामटोली गांव के आधे से अधिक आबादी से नल जल योजना की पहुंच से दूर है। महिला श्वेता भगत ने बताया कि उनकी बस्ती में पीने और निस्तारी के लिए पानी के गंभीर समस्या है। मीड़िया के आने की खबर पर जुटी महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि हर बार इस गांव में अधिकारी आते हैं पाइप लाइन बिछाते और घर तक नल का पानी पहुंचाकर जलसंकट से निजात दिलाने का दावा करते हैं। लेकिन समस्या जस की तस रहती है। महिलाओं का कहना था कि अगर शासन और प्रशासन नल जल योजना को ठीक तरह से चालू नहीं कर पा रही है तो गांव में तालाब ही खुदवा दे। इससे कम से कम निस्तारी के लिए तो पानी सुलभ हो पाएगा।
विभाग का दावा तकनीकी कारणों से हुई परेशानी
65 परिवारों के लिए 55 लाख रूपए खर्च करने के बाद भी जामटोली में व्याप्त गंभीर जल संकट के संबंध में जब नईदुनिया ने ग्रामीण यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा की तो उनका कहना था कि जामटोली में राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अंर्तगत पीएचई के साथ क्रेडा भी काम कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि योजना के अनुसार गांव में दो टंकी का निर्माण और पाइप लाइन का विस्तार का काम पूरा किया जा चुका है। जल आपूर्ति के लिए बोर में जो मोटर पंप लगाया गया था उसमें तकनीकी समस्या आ जाने से आपूर्ति प्रभावित हुई थी। इस समस्या को दूर कर पानी की आपूर्ति बहाल कर दिया गया है।
वर्जन
जामटोली में राष्ट्रीय जलजीवन मिशन के अंर्तगत नल जल आपूर्ति के लिए पानी टंकी और पाइप विस्तार का काम पूरा कर लिया गया है। बोर में लगे हुए पंप में तकनीकी समस्या आने से आपूर्ति प्रभावित हुई थी। इसे सुधार कर पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।
-सुरेन्द्र राय,सहायक यंत्री,पीएचई,जशपुर
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.