हिंदू धर्म में हर माह पौराणिक महत्व के कई त्योहार व व्रत रखे जाते हैं। जुलाई माह की बात की जाए तो इस माह संकष्टी चतुर्थी व्रत विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस व्रत के दिन भगवान गणेश की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है।
सावन में Sankashti Chaturthi का महत्व अधिक
संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त
पंचक का नहीं होगा कोई महत्व
हिंदू पंचांग के मुताबिक गजानन संकष्टी चतुर्थी के दिन पंचक भी लगने वाला है। 6 जुलाई को दोपहर 1.38 मिनट से पंचक शुरू होगी और 10 जुलाई को शाम 6.59 मिनट पर पंचक समाप्त होगा। पौराणिक मान्यता के मुताबिक भगवान गणेश को बुद्धि का दाता कहा गया है और इस दौरान पूजा के दौरान यदि पंचक होता है तो इसका कोई महत्व नहीं होता है।
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
– सूर्योदय से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें।
– ईशान कोण में एक चौकी पर लाल या पीले रंग के कपड़े पर गणेश प्रतिमा रखें।
– भगवान गणेश को जल, दूर्वा, अक्षत, पान जरूर चढ़ाएं।
– फिर “गं गणपतये नमः:” मंत्र का जाप करें।
– भगवान गणेश को मोतीचूर के लड्डू या बूंदी का भोग लगाएं।
– गणेश जी की पूजा करने के बाद रात में चंद्र देव का भी पूजन करें।
– दूध, चंदन और शहद से चंद्रदेव को अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।
डिसक्लेमर
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