इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई फिल्म ‘72 हूरें’ की दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू में खास स्क्रीनिंग हुई। बता दें कि ये फिल्म 7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होनेवाली है। मेकर्स का कहना है कि स्पेशल स्क्रीनिंग छात्रों के लिए एक अच्छा मौका है, जो फिल्म में दिखाई गई आतंकवादी घटनाओं की सच्चाई को लेकर उन्हें खुद को व्यक्त करने का अच्छा अवसर प्रदान करेगी। फिल्म की जल्दी स्क्रीनिंग के फैसला को आतंकवाद जैसे गंभीर मसले को खुले तौर पर संवाद का एक अच्छा जरिया समझा जाना चाहिए।
72 हूरें की स्पेशल स्क्रीनिंग
फिल्म को लेकर काफी विवाद चल रहा है। विवादों के बीच मेकर्स ने जेएनयू परिसर में फिल्म की स्क्रीनिंग करने का फैसला लिया। फिल्म में दिखाए गए आतंकवादियों को मानसिक रूप से बरगलाने के दृश्यों पर लोगों ने आपत्ति जताई है। फिल्म में धर्म विशेष को लेकर दिखाई गई नकारात्मक बातों पर राजनीतिक दलों ने नाराजगी व्यक्त की है। अपने विषय की वजह से ये फिल्म, द कश्मीर फाइल्स और केरला स्टोरी के बाद काफी सुर्खियां बटोर रही है
सेंसर बोर्ड ने ट्रेलर पास करने से किया था इन्कार
आतंकवाद पर आधारित 72 हूरें फिल्म के ट्रेलर को सेंसर बोर्ड ने पास करने के इनकार कर दिया था। जिसके बाद फिल्म मेकर्स ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ट्रेलर रिलीज किया। रिलीज किए गए फिल्म के ट्रेलर में आतंकियों को हूरों का मतलब समझाया जाता है। जिसमें ट्रेनिंग के दौरान आतंकियों का ब्रेन वाॅश किया जाता है और कहते हैं कि तुम्हारे मरने के बाद 72 कुंवारी लड़कियां तुम्हारी सेवा में होंगी। ट्रेलर में गेटवे ऑफ इंडिया का बम धमाके वाला सीन भी दिखाया जाता है। मेकर्स का कहना है कि फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में पवन मल्होत्रा, आमिर बशीर, राशिद नाज, अशोक पाठक मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म का निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संजय पूरन सिंह चौहान ने किया है।
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