सुदर्शन चक्र कोर ने बड़ी झील पर किया बाढ़ राहत कार्य का अभ्यास

भोपाल। भारतीय सेना न सिर्फ हमारे देश की सीमाओं की सुरक्षा करती है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों में भी सबसे आगे रहती है। राष्ट्र निर्माण की भावना को ध्यान में रखते हुए, सुदर्शन चक्र कोर की इकाइयों द्वारा बुधवार को वाटरमैनशिप ट्रेनिंग सेंटर (सेलिंग नोड) ने खानूगांव के पास बड़ी झील भोपाल में बाढ़ राहत कार्य का अभ्यास किया। आपातकाल के समय कैसे लोगों का बचाव किया जाता है और उन्‍हें राहत दी जा सकती है, इसका बखूबी प्रदर्शन किया गया। सेना की ओर से हर साल बाढ़ राहत कार्य से निपटने के लिए अभ्यास किया जाता है, ताकि किसी भी विषम परिस्थिति से निपटा जा सके।

सेना के कमांडरों ने भाग लिया

बाढ़ राहत कार्य पूर्वाभ्यास में इंजीनियर रेजिमेंट टास्क फोर्स और सेना के कमांडरों ने भाग लिया, जो नागरिक प्राधिकरण की सहायता के हिस्से के रूप में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान राज्य में कार्यरत रहते हैं। इस अभ्यास में आर्मी एविएशन विंग के हेलीकाप्टर भी शामिल थे, जो बचाव कार्य और संसाधनों की आवश्यक आपूर्ति को प्रदर्शित कर रहे थे। इसके अलावा एसडीईआरएफ (राज्य आपदा आपातकालीन राहत बल) और एनडीआरएफ जैसी एजेंसियों ने भी बाढ़ पीड़ितों को समय पर बचाव और राहत प्रदान करने में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। अभ्यास में योजना, तैयारी, मांग, नागरिक प्रशासन के साथ संपर्क, राहत स्तंभ द्वारा निष्पादन और संचालन के बाद किए जाने वाले कार्यों पर एक व्याख्यान शामिल था। यह प्रदर्शन इंजीनियर टास्क फोर्स, आर्मी कालम, एसडीईआरएफ और एनडीआरएफ द्वारा किया गया था। इसमें बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उपयोग किए जाने वाले विभिन्न उपकरणों का प्रदर्शन भी शामिल था।

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