फ्रांस में भड़की हिंसा हालात बेकाबू 249 पुलिसकर्मी घायल 875 गिरफ्तार लग सकता है आपातकाल

फ्रांस में हालात बेकाबू हो गए हैं। 17 वर्षीय किशोर की पुलिस फायरिग में मौत के बाद फ्रांस में शांति भंग हो गई है। कई शहरों और कस्बों में तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं जारी हैं। थानों और पुलिस वाहनों को निशाना बनाया जा रहा है। हिंसा को रोकने के प्रयास में 249 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने उपद्रव की घटनाओं में शामिल 875 लोगों को गिरफ्तार किया है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों दंगे के बेकाबू हालात के चलते ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ की बैठक बीच में छोड़कर पेरिस लौट आए हैं। उन्‍होंने फिलहाल आपातस्थिति लागू करने से इन्कार किया है लेकिन प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने सभी विकल्प खुले होने की बात कही है।

क्‍यों मचा है बवाल

मंगलवार को पेरिस के उपनगर नैंटेरे में कार चला रहे नाइजीरिया-मोरक्को मूल के किशोर नाहेल को पुलिस ने रोका था और कहासुनी के बाद गोली मार दी थी। इस घटना के बाद वर्षों से नस्ली भेदभाव झेल रहे गरीब और मध्यवर्गीय लोगों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने तोड़फोड़ व आगजनी शुरू कर दी।

सरकारी संपत्ति को बड़ा नुकसान

धीरे-धीरे यह उपद्रव देश के ज्यादातर शहरों-कस्बों में फैल गया। पूरे देश में सरकारी और निजी भवनों में तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट की सैकड़ों घटनाएं हुई हैं। सरकारी बसों, कारों समेत सैकड़ों वाहनों को जला दिया गया है। सैकड़ों दुकानें लूट ली गई हैं या उनमें आग लगा दी गई है। चार दिनों में इन घटनाओं में हजारों करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति के नुकसान की आशंका है।

40 हजार से ज्‍यादा पुलिसकर्मी तैनात

उपद्रवियों से निपटने के लिए देश में 40 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। गुरुवार-शुक्रवार की रात 79 पुलिस थानों व अन्य पुलिस संपत्तियों और 119 सरकारी भवनों पर हमले होने की सूचना है। 34 सामुदायिक केंद्रों और 24 स्कूलों को भी नुकसान पहुंचाया गया है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.