भोपाल। दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे देश में छा गया है। मानसून ट्रफ वर्तमान में बीकानेर, दोसा, ग्वालियर, अंबिकापुर,बालासोर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इसके अतिरिक्त अलग-अलग स्थानों पर चार मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई भी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। इस वजह से प्रदेश में कहीं भी तेज वर्षा होने की संभावना नहीं है। हालांकि वातावरण में नमी बरकरार रहने के कारण बादल बने हुए हैं। साथ ही कहीं-कहीं हल्की बौछारें भी पड़ सकती हैं। उधर बंगाल की खाड़ी में अलग-अलग स्थानों पर हवा के ऊपरी भाग में दो चक्रवात बने हुए हैं। उनके असर से दो दिन बाद प्रदेश में एक बार फिर वर्षा का दौर शुरू होने की संभावना है। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे तक धार में 13.8, रायसेन 12.2, इंदौर में 7.6, उज्जैन में सात, मंडला में 4.1, मलाजखंड 2.2, रतलाम दो, सिवनी 1.6, पचमढ़ी में 0.4,जबलपुर 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में मानसून ट्रफ लाइन ग्वालियर से होकर गुजर रही है। दक्षिणी उत्तर प्रदेश के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में अंडमान में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। एक अन्य चक्रवात बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग में बना हुआ है। महाराष्ट के तट से केरल के तट तक एक अपतटीय ट्रफ लाइन बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इन मौसम प्रणालियों का विशेष प्रभाव नहीं पड़ने के कारण प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में कमी आ गई है। हालांकि वातावरण में नमी मौजूद रहने के कारण कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो रही है। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के आगे बढ़ने पर दो दिन बाद प्रदेश में एक बार फिर वर्षा का सिलसिला शुरू हो सकता है।
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