बिलासपुर। तारबाहर क्षेत्र में रहने वाले अधिवक्ता को बैंक लोन नहीं पटा पाने के कारण निलाम किए जाने वाले मकान को कम दाम में दिलाने का झांण देकर 11 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। अधिवक्ता ने इसकी शिकायत तारबाहर थाने में की है। इस पर पुलिस ने धाेखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
तारबाहर क्षेत्र के एफसीआइ चौक अंडरब्रिज के पास रहने वाले दिनेश कुमार गुप्ता अधिवक्ता हैं। उन्होंने बताया कि मोपका के रामकृष्ण नगर में रहने वाले रंजन प्रसाद से उनकी जान-पहचान है। इसका फायदा उठाते हुए रंजन ने अधिवक्ता को बताया कि राजकिशोर नगर स्थित एचडीएफसी फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों से उसकी जान-पहचान है। इसके कारण वह अक्सर बैंक जाता है।
बैंक से लोन लेने वाले रकम जमा नहीं कर पाते इसके कारण कई मकानों की निलामी होती है। निलामी में वह कम दाम में अच्छा मकान दिला सकता है। उसने बताया कि रामा वर्ल्ड कालोनी स्थित 60-70 लाख के मकान को 40 लाख रुपये में दिला देगा। उसने मकान के दस्तावेज, लोन की राशि और बैंक की ओर से जारी निलामी की सूचना का विज्ञापन भी दिखाया।
उसकी बातों में आकर अधिवक्ता ने अपने बेटे के चेक बुक से अलग-अलग कर 11 लाख रुपये दे दिए। चेक को उसने बैंक में जमा कर रुपये निकाल लिया। अधिवक्ता को बाद में इसकी जानकारी मिली। निलामी में मकान नहीं मिलने पर अधिवक्ता ने उससे अपने रुपये वापस मांगे तो टालमटोल करने लगा। अधिवक्ता ने इसकी शिकायत तारबाहर थाने में की है। इस पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
अपने ही हाथों से भरी रकम, फिर खुद के नाम पर निकाला
अधिवक्ता ने बताया कि रंजन ने बैंक मैनेजर को कमिशन देने की बात कही थी। साथ ही अपने लिए भी कमिशन की मांग की थी। आरोपित रंजन ने उनके बेटे के खाते का चेक अपने ही हाथों से भरा। बाद में उसने अपने ही नाम पर रुपये निकाल लिए। इधर मकान नहीं मिलने पर अधिवक्ता ने उससे संपर्क किया तो गोलमोल बातें करने लगा। अधिवक्ता ने अपने बेटे के खाते का डिटेल निकलवाया तो रुपये निकाले जाने की जानकारी मिली।
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