भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनीं पांच मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा का दौर जारी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अभी भारी वर्षा के आसार कम हैं। कुछ क्षेत्रों में छिटपुट बौछारें पड़ने का सिलसिला अभी बना रहेगा। शनिवार को सागर, रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में वर्षा होने की संभावना है।
शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक भोपाल में 16.4, इंदौर में 10.4, शिवपुरी में 10, उज्जैन में नौ, सतना में सात, नर्मदापुरम में पांच, रायसेन में पांच, पचमढ़ी में दो, छिंदवाड़ा में दो, सिवनी में एक, सागर में 0.8, धार में 0.2,मंडला में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। जबलपुर, भोपाल, खजुराहो, नौगांव में रुक-रुककर हल्की बौछारें पड़ीं।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तरी मप्र पर बना कम दबाव का क्षेत्र कमजोर हो गया है। वर्तमान में वह हवा के ऊपरी चक्रवात के रूप में परिवर्तित होकर उत्तर प्रदेश के मध्य में सक्रिय हो गया है। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से लेकर नगालैंड तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है, जो उत्तर प्रदेश पर बने चक्रवात से होकर जा रही है।
एक अन्य ट्रफ लाइन अरब सागर से उत्तर-पश्चिमी मप्र से होकर उत्तर प्रदेश पर बने चक्रवात तक बनी हुई है। गुजरात तट में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र तट से लेकर केरल तट तक एक अपतटीय ट्रफ लाइन बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इन पांच मौसम प्रणालियों के सक्रिय रहने और अरब सागर से लगातार नमी मिलने से प्रदेश में वर्षा का सिलसिला जारी है।
ग्वालियर में तीन घंटे में पूरा हो गया जून माह का कोटा
ग्वालियर। शुक्रवार सुबह छह बजे से ग्वालियर में शुरू हुआ तेज वर्षा का दौर नौ बजे तक जारी रहा। इस दौरान मौसम विभाग ने 108.5 मिमी वर्षा दर्ज की। रोचक बात यह है कि ग्वालियर में जून की वर्षा का कोटा 79.1 मिमी है जबकि माह के आखिरी दिन महज तीन घंटे में न सिर्फ जून कोटा पूरा हुआ बल्कि जून में बारिश का रिकार्ड बन गया। ग्वालियर में जून महीने में कुल 151.1 मिमी तक पहुंच गया।
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