बैरागढ़ में संत कंवरराम चौक को माडल चौराहा बनाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में

भोपाल। संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) के विभिन्न स्थानों पर लगी संत, महापुरूषों की प्रतिमाओं की समुचित देखरेख नहीं हो पा रही है। संत कंवरराम चौराहे का सुंदरीकरण कर इसे माडल चौराहा बनाने का प्रस्ताव भी फाइलों में कैद होकर रह गया है।

बैरागढ़ मेन रोड पर बीआरटीएस लेन बनाते समय नगर निगम ने चौराहा विकसित करने की शर्त पर प्रतिमा को शिव मंदिर गोल चक्रा पर स्थानांतरित कर दिया था। चौराहा तो विकसित नहीं हुआ, अब प्रतिमा की देखरेख भी बंद कर दी गई है। बैरागढ़ मेन रोड पर स्थापित संत कंवररामजी की यह प्रतिमा विश्व में सबसे बड़ी प्रतिमा है। इसका निर्माण भोपाल विकास प्राधिकरण ने किया था। मेन रोड के बीच रोटरी बनाकर इसे स्थापित किया गया था। बीआरटीएस मार्ग निर्माण के समय मेन रोड को चौड़ा किया गया तो यह प्रतिमा चौड़ीकरण में बाधा बन गई।

इसके बाद नगर निगम ने इसे शिव मंदिर गोल चक्रा पर शिफ्ट करने का प्रस्ताव बनाया। प्रतिमा तो शिफ्ट हो गई, पर चौराहा अब तक विकसित नहीं हुआ है। प्रतिमा के आसपास रंगीन फव्वारा, एवं चबूतरे को विकसित करने का काम भी नहीं हुआ है नगर निगम स्तर पर कभी प्रतिमा की सफाई तक नहीं होती।

इन प्रतिमाओं पर भी ध्यान नहीं

खीमनदास नरियानी मार्केट में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के भी बुरे हाल हैं। प्रतिमा के आसपास अतिक्रमण हो चुका है। नगर निगम ने इसे हटाने का गंभीर प्रयास कभी नहीं किया। प्रतिमा की देखरेख नगर निगम स्तर पर कभी नहीं हुई। संगठन ही बापू की बरसी और जयंती पर इसकी देखरेख करते हैं। बस स्टैंड पर स्थापित अमर बलिदानी हेमू कालानी की प्रतिमा भी उपेक्षित है। ठेला व्यवसाइयों ने प्रतिमा को घेर लिया है।

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