दुनिया के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों में शामिल हुई मप्र की पल्लवी तिवारी

भोपाल। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में एकेडमी आफ इन्वेंटर्स (एनएआई) द्वारा गत दिनों आयोजित भव्य समारोह में दुनिया के श्रेष्ठ 95 वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया। इसमें मध्यप्रदेश की पल्लवी तिवारी भी शामिल है।अब वह एनएआई में सीनियर मेंबर के तौर पर शामिल हो गई है। पूरी दुनिया में अब तक केवल 450 वैज्ञानिक ही इस सूची में शामिल हैं। यह उपलब्धि प्राप्त करने वाली पल्लवी मध्य प्रदेश की पहली महिला हैं। उन्होंने ब्रेन केंसर के रिसर्च के लिए यह सम्मान मिला है। पल्लवी वर्तमान में अमेरिका के सुप्रसिद्ध विस्कान्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय में साइंटिस्ट, रेडियोलाजी और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की एसोसिएट प्रोफेसर और कैंसर सेंटर में इमेजिंग और रेडिएशन साइंसेज विभाग की को-डायरेक्टर हैं। वह केवल 28 साल की उम्र में यूएसए की यूनिवर्सिटी में सहायक प्राध्यापक बन गई थीं। वह कैंसर रिसर्च के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डाटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में काम कर रही है। कैंसर की बीमारी का पता लगाने और उसके इलाज में पल्लवी और उनकी टीम के प्रयास महत्वपूर्ण हैं।

क्या है पल्लवी की खोज

डा. पल्लवी वर्तमान में वयस्क और बाल मस्तिष्क ट्यूमर में व्यक्तिगत उपचार निर्णयों का मार्गदर्शन करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और छवि सूचना विज्ञान का उपयोग करके कई परियोजनाओं पर शोधकर्ताओं की एक टीम का नेतृत्व कर रही हैं।उनका शोध कैंसर और न्यूरो-इमेजिंग विकारों के निदान, पूर्वानुमान और उपचार प्रतिक्रिया मूल्यांकन के लिए नए कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों पर केंद्रित है। उनकी कंप्यूटिंग लैब ब्रेन इमेज, ब्रेन ट्यूमर और न्यूरोलाजिकल विकारों के लिए एआई और मशीन लर्निंग तकनीक विकसित करने पर केंद्रित है।पल्लवी बताती हैं कि अपनी पीएचडी के अंत में मैंने इस विषय में एक न्यूरो सर्जन से बात की जो ब्रेन ट्यूमर पर काम कर रहे थे। उन्होंने मुझे बताया कि इन रोगियों के लिए उपचार कितना चुनौतीपूर्ण है।मेरे काम और रिसर्च की प्रेरणा यही से शुरू हुई थी।

पहले भी कई सम्मानों से नवाज़ी गई है पल्लवी

शोध के क्षेत्र में अमेरिका में पिछले 10 साल से काम करते हुए पल्लवी तिवारी को इससे पहले भी कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। केंद्र सरकार द्वारा चयनित भारत की 100 महिला अचीवर में पल्लवी भी शामिल हैं और इसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया था। दुनिया की प्रतिष्ठित मैगजीन फोर्ब्स द्वारा लिए इंटरव्यू में पल्लवी की वैज्ञानिक उपलब्धियों विशेषकर कैंसर के क्षेत्र में की गई उल्लेखनीय खोज को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। उन्होंने इंदौर के केंद्रीय विद्यालय से स्कूली और श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान से बायोमेडिकल विषय में इंजीनियरिंग डिग्री करने के बाद अमेरिका की जाने-माने विश्वविद्यालय रटगर्स में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वे क्लीवलैंड में केस वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं। पिछले सालों में उन्होंने कैंसर जैसी घातक बीमारी के इलाज की खोज में अद्भुत कार्य किया है।अपनी विशिष्ट उपलब्धियों और कार्यों के लिए अमेरिका में ही वे 40 अंडर 40 अवार्ड से सम्मानित की गई। पल्लवी के 50 पीअर रिव्यूड पब्लिकेशन के साथ ही 12 पैटेंट हैं। उन्हें अमेरिका में कई वैज्ञानिक पुरस्कार मिल चुके हैं।

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