ग्वालियर। श्योपुर जिले में पौधरोपण के नाम पर 3.40 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। चंबल नहर के किनारे पौधे लगाए जाने थे, लेकिन यह लाखों पौधे कागजों में लगा दिए गए। लोकायुक्त पुलिस में घोटाले की शिकायत की गई थी।
लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को जल संसाधन विभाग के 24 अफसरों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज की है। श्योपुर में पौधरोपण के नाम पर हुए घोटाले की जांच लोकायुक्त पुलिस की ग्वालियर इकाई ने की थी, जिसकी जांच रिपोर्ट भोपाल भेज दी गई। शुक्रवार को एफआइआर दर्ज कर ली गई।
दरअसल 2014 में श्योपुर में चंबल नहर के किनारे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से पौधरोपण हुआ था। पौधरोपण सिर्फ कागजों में ही कर दिया गया। तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य तुलसी नारायण मीणा ने पौधरोपण घोटाले की शिकायत की तो जांच शुरू हुई। मनरेगा आयुक्त ने इसकी जांच करवाई थी।
जांच में खुलासा हुआ, जो पौधे यहां रोपे गए, उनकी उत्तरजीविता एक प्रतिशत से भी कम है। विभाग की जांच में पौधरोपण के नाम पर हुए घोटाले की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई नहीं हुई तो लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की गई। लोकायुक्त पुलिस की ग्वालियर इकाई ने जांच रिपोर्ट भोपाल भेजी, जिसमें शुक्रवार को एफआइआर दर्ज कर ली गई।
पीएचई विभाग के जिन अफसरों पर एफआइआर हुई है, उनमें कार्यपालन यंत्री से लेकर सहायक यंत्री, उपयंत्री शामिल हैं। एक साथ 24 अफसरों पर एफआइआर होने से विभाग में हड़कंप मच गया है। यह लोग इस प्रोजेक्ट की तकनीकि स्वीकृति, पौधरोपण, मास्टर रोल, फर्जी मूल्यांकन में शामिल रहे।
लोकायुक्त पुलिस ने इन पर की एफआइआर
कार्यपालन यंत्री एसएन वर्मा, कार्यपालन यंत्री बीएस मोहनिया, सहायक यंत्री एसके जैन, एसके सक्सेना, एससी गुप्ता, विकास राजौरिया, बीके गर्ग, एमएस गुप्ता, एसके जाटव, पीएल साहू, उपयंत्री एके गर्ग, आरपी सोनी, जीएस सेंगर, आरएल मेहरा, आरएम शर्मा, एमके मंगल, एबी मिर्जा, बीके राजौरिया, आरके हरदेनिया, महेंद्र सिंह, पीबी मिश्रा, एसडी पाराशर, एमके मिहोलिया, पीके शर्मा पर एफआइआर की गई है।
इनका कहना है
श्योपुर स्थित चंबल नहर किनारे पौधरोपण के नाम पर जो गबन हुआ, उस मामले में जांच के बाद एफआइआर के लिए रिपोर्ट भोपाल भेज दी गई थी। एफआइआर दर्ज कर ली गई है। इसमें शासन की करीब 3.40 करोड़ रुपये की राशि का अपव्यय हुआ था।
रामेश्वर यादव, एसपी, लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर
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