मध्य प्रदेश की एक पूर्व डिप्टी कलेक्टर अपने इस्तीफे की वजह से काफी चर्चा में हैं। छतरपुर जिले के लवकुशनगर की एसडीएम व डिप्टी कलेक्टर रहीं निशा बांगरे ने 25 जून को आमला, बैतूल में अपने नए घर के उद्घाटन समारोह के दौरान “सर्व धर्म प्रार्थना” और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छुट्टी का आवेदन दिया था। लेकिन उन्हें उक्त दिन के लिए छुट्टी देने से इनकार कर दिया गया। निशा बांगरे ने गुरुवार, 22 जून को अपने विभाग को एक पत्र लिखकर इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलने से अपने मौलिक अधिकारों के हनन और धार्मिक भावनाओं के आहत होने की बात कही है।
प्रशासन को क्या थी आपत्ति?
निशा बांगरे को बैतूल जिले के आमला में 25 जून को आयोजित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने की अनुमति मांगी थी। इस कार्यक्रम का आयोजन गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा किया गया, लेकिन तमाम बैनर-पोस्टर पर निशा बांगरे का ही चेहरा था। उन्होंने आमला विधानसभा क्षेत्र इलाके में भ्रमण कर आमजनों, विशेषकर महिलाओं को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रेरित भी किया। प्रशासन ने इस कार्यक्रम की भी अनुमति नहीं दी थी। दूसरी ओर, इसमें श्रीलंका के न्याय मंत्री सहित 11 देशों के मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में श्रीलंका के न्यायमंत्री विजयदासा राजपक्षे भगवान बुद्ध की अस्थि कलश लेकर पहुंचे, जिसे बांगरे के आवास पर स्थापित कर प्रार्थना सभा की गई। अब जिला प्रशासन इस कार्यक्रम में बगैर अनुमति विदेशी राजनयिकों को बुलाने के मामले में साक्ष्य जुटा रहा है। निशा बांगरे के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
कौन हैं निशा बांगरे?
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में जन्मी निशा बांगरे ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। लेकिन ज्यादा दिनों तक नौकरी में नहीं रहीं, और सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। साल 2016 में उनका चयन एमपी में डीएसपी के पद पर हो गया। 2017 में उनका एमपी में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हो गया। बैतूल के आवला क्षेत्र में उनकी पहली पोस्टिंग थी। इस्तीफा देने से पहले निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुश नगर में एसडीएम थीं। उनके पति मल्टी नेशनल कंपनी में अधिकारी हैं और वो उनका 3 साल का एक बेटा भी है। उनका विवाह भी काफी चर्चा में रहा था, क्योंकि उन्होंने संविधान को साक्षी मानकर विवाह किया था।
आगे क्या करेंगी निशा बांगरे?
निशा बांगरे ने जिस तरह एक झटके में प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़ दी, उससे कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। खास तौर पर उनके राजनीति में उतरने की चर्चा हो रही है। इस संबंध में जब नईदुनिया ने उनसे बात की तो वह भी लोगों की मांग पर चुनावी मैदान में उतरने मन बनातीं नजर आईं। निशा बांगरे ने कहा कि बैतूल में वह नौकरी करने के लिए पहुंची थी। वहां के लोग बहुत ही आत्मीय लगाव रखते हैं। अगर भविष्य में कुछ समीकरण बने तो वह चुनावी मैदान में भी उतर सकती हैं। मीडिया के सामने निशा बांगरे ने कई बार कहा है कि उनके लिए देश सेवा सबसे सर्वोपरि है और उसके लिए वो कुछ भी कर सकतीं हैं।
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