कालेजों में आग से बचाव के साधन नहीं तो नहीं मिलेगी संबद्धता

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन ने कालेजों पर सुरक्षा के लिए नया नियम जारी हुआ है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से कालेजों को संबद्धता के लिए फायर सेफ्टी आडिट करवाना अनिवार्य होगा। इसके लिए प्रशासन ने कालेजों को पत्र लिखा गया है। निरीक्षण कमेटी जिस वक्त कालेजों में दौरा करने जाएगी उस समय फायर आडिट का प्रमाण पत्र जाहिर करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले कालेजों को संबंद्वता नहीं दी जाएगी।

161 कालेज रादुविवि से संबद्ध हैं

ज्ञात हो कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में करीब 161 कालेज संबद्ध हैं। इनमें से 95 प्रतिशत से ज्यादा कालेजों में फायर सेफ्टी के मापदंड पूरे नहीं है। यहां तक कि सरकारी कालेजों तक में आग से बचाव के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं है। निजी कालेजों में कक्षाएं तो बेहद छोटे-छोटे कमरों में संचालित हो रही है। जिस वजह से कभी आग जैसी दुर्घटना होने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। बता दे कि ऐसी तमाम संभावनाओं को देखते हुए प्रशासन ने फायर सेफ्टी आडिट को अनिवार्य किया है।

क्या है फायर सेफ्टी

आग से जरूरी बचाव के उपाए भवन में उपलब्ध है कि नहीं इस बात को फायर सेफ्टी आडिट में चिन्हित किया जाता है। नगर निगम की तरफ से भवन में फायर सिस्टम लगे होने का प्रमाण पत्र जारी होता है। पिछले कुछ माह पूर्व एक अस्पताल में भयानक आग लगी थी जिसमें कई लोग भगदड़ की वजह से भवन से निकल नहीं पाए थे और आग की चपेट में आकर मर गए। इस घटना के बाद भवनों में फायर सेफ्टी को लेकर जोर दिया गया। अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन कालेजों के लिए इस व्यवस्था को अनिवार्यतौर पर लागू नहीं किया था लेकिन छात्र हितों का ध्यान रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा मापदंड को भी कालेजों के निरीक्षण में जोड़ दिया है। नगर निगम से फायर सेफ्टी का प्रमाण पत्र होने के बाद ही कालेजों को संबंद्वता से जुड़ी प्रक्रिया पूर्ण होगी।

इनका कहना है

कालेजों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर लगातार गंभीरता बरती जा रही है। नए सत्र से जो भी टीम निरीक्षण के लिए कालेज जाएगी उन्हें फायर सेफ्टी आडिट दिखाना होगा। इसके बिना संबंद्वता की प्रक्रिया नहीं होगी।

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